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किसानों को मोदी सरकार का सबसे बड़ा तोहफा, अब कर्ज पर 7 नहीं सिर्फ 4 प्रतिशत देना होगा ब्याज
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दूसरी बार बढाई गई तारीख
बता दें कि इसकी तारीख दूसरी बार आगे बढ़ाई गई है। पहले 31 मार्च के बाद जो लोग किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया गया लोन वापस करते, उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना पड़ता। लॉकडाउन को देखते हुए इसे 31 मार्च से बढ़ाकर पहले 31 मई किया गया था। सोमवार को इसे बढ़ाकर 31 अगस्त तक किया गया।
9 फीसदी है ब्याज दर
खेती-किसानी के लिए किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए तीन लाख रुपए तक के लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी है, लेकिन सरकार इसमें 2 फीसदी की सब्सिडी देती है।
समय पर लोन चुकाने वालों को राहत
2 फीसदी सब्सिडी के बाद यह 7 फीसदी पड़ता है, लेकिन जो किसान समय पर लोन लौटा देते हैं, उन्हें 3 फीसदी और छूट मिल जाती है। इस तरह ब्याज की दर 4 फीसदी रह जाती है।
31 मार्च तक चुकाना होता है लोन
किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया जाने वाला लोन 31 मार्च तक चुकाना होता है। इसके लिए बैंक किसानों को सूचना दे कर कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं। इस समय तक लोन नहीं चुकाने पर 7 फीसदी ब्याज देना होता है।
अलग-अलग है लोन की लिमिट
किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की लिमिट हर बैंक की अलग-अलग है। आम तौर पर एक हेक्टेयर जमीन पर 2 लाख रुपए तक का लोन मिल जाता है। बैंक इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं। इस कार्ड से कभी भी पैसा निकाला जा सकता है।
कहां से मिलता है क्रेडिट कार्ड
किसान क्रेडिट कार्ड किसी भी कॉपरेटिव बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से लिया जा सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई से भी यह कार्ड लिया जा सकता है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया भी रुपे किसान क्रेडिट कार्ड जारी करता है।
किसानों को बड़ी राहत
किसान क्रेडिट कार्ड योजना से किसानों को काफी राहत मिली है। पहले उन्हें कर्ज लेने के लिए साहूकारों की शरण में जाना पड़ता था और भारी ब्याज पर रकम लेनी पड़ती थी। इससे ज्यादातर किसान कर्ज के जाल में उलझ कर रह जाते थे।