Post Office की इस स्कीम में जमा करें पैसे, हर महीने ऐसे बढ़ जाएगी आपकी कमाई
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वैसे तो पोस्ट ऑफिस की कई बचत योजनाएं हैं, लेकिन कम रकम से निवेश की शुरुआत करने के लिए डाकघर मासिक आय योजना (MIS) सबसे बेहतर मानी जा रही है। इस स्कीम मे निवेश करने पर हर महीने एक बंधी-बंधाई इनकम हो सकती है।
कितना किया जा सकता है निवेश
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में सिंगल अकाउंट होल्डर एक बार में कम से कम 1000 से लेकर 4.5 लाख रुपए तक जमा कर सकता है। इस स्कीम में जॉइंट अकाउंट खोलने की सुविधा भी है। जॉइंट अकाउंट में 9 लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं।
मेच्योरिटी पीरियड
इस स्कीम में मेच्योरिटी पीरियड 5 साल का का है। अगर कोई मेच्योरिटी से पहले अकाउंट से पैसे निकालना चाहता है, तो उसे एक साल तक इंतजार करना होगा। अकाउंट खोलने के 12 महीने बाद ही पैसे निकाले जा सकते हैं। इसके लिए पेनल्टी भी देनी पड़ती है।
कितनी है ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस की इस मंथली इनकम स्कीम में ब्याज दर सालाना 6.6 फीसदी है। यह ब्याज दर वरिष्ठ नागरिकों पर लागू नहीं होती। उनके लिए सीनियर सिटिजन सेविग्ंस स्कीम (SCSS) है।
हर महीने ले सकते भुगतान
इस योजना में निवेश करने वाले को रिटर्न का मासिक भुगतान किया जाता है। इस तरह, नियमित आमदनी के लिहाज से यह योजना काफी अच्छी है। जितना ज्यादा निवेश किया जाएगा, उसी के हिसाब से मासिक भुगतान मिलता है।
कौन खोल सकता है अकाउंट
इस स्कीम में कोई भी वयस्क नागारिक अकाउंट खोल सकता है। जॉइंट अकाउंट भी खोला जा सकता है। नाबालिग और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के नाम पर उनके अभिभावक खाता खोल सकते हैं।
किन डॉक्युमेंट्स की होगी जरूरत
अकाउंट खोलने के लिए अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भरना होगा। इसके साथ ही पासपोर्ट साइज की फोटो और पहचान पत्र के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी. ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट की जरूरत पड़ेगी।
कैसे खोला जा सकता है अकाउंट
इस स्कीम में अकाउंट खोलने की ऑनलाइन सुविधा फिलहाल नहीं हैं। इसक लिए नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर एप्लिकेशन फॉर्म भरना होगा और जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ उसे जमा करना होगा। अकाउंट खोलते समय नॉमिनी का नाम देना भी जरूरी है। अकाउंट में कैश या चेक के जरिए पैसे जमा किए जा सकते हैं।
टैक्स में लाभ
इस स्कीम में निवेश पर टैक्स में किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलता। वहीं, प्रति महीने जो ब्याज बनता है, उस पर टैक्स कटता है। ब्याज की जो रकम अकाउंट होल्डर को मिलती है, उस पर टीडीएस नहीं कटता है। डिपॉजिट पूरी तरह से टैक्स फ्री है।
सबसे बड़ी बात आमदनी के मुक़ाबले पैसे की बचत करना हैं। आप कितना कमाते हैं इससे ज्यादा मायने आप कितना बचत कराते हैं उसमें हैं। छोटी-छोटी बचत और निवेश से ही बड़ी पूंजी तैयार होती है।