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10th-12th Exam: भूख न लगना-चिड़चिड़ापन समेत बच्चों की इन हरकतों से समझें कि उन्हें हो रहा एक्जाम का टेंशन

करियर डेस्क: देशभर में बच्चों की परीक्षाओं (Exams) का महौल चल रहा है। कई राज्यों में बोर्ड परीक्षा जारी है, तो कइयों ने बोर्ड की परीक्षा की तारीखें घोषित कर दी हैं। इस बार दसवीं और बारहवीं की टर्म-2 परीक्षा (10th 12th Board Exam) ऑफलाइन मोड में हो रही है। ऐसे में बच्चों को और ज्यादा टेंशन हो रहा है, क्योंकि कोरोना के चलते वह कई महीनों तक स्कूल नहीं जा पाए थे। ऐसे में परीक्षा के समय टेंशन होना लाजमी है, लेकिन मां-बाप का यह सवाल होता है कि कैसे पता लगाया जाए कि बच्चे को एग्जाम का टेंशन हो रहा है और उसे कैसे दूर किया जाए? तो चलिए आज आपकी समस्या को दूर करते है और आपको बताते हैं कि परीक्षा के दौरान बच्चों की टेंशन (exam tension) को कैसे पहचाने और उसे कैसे दूर करें...

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Asianet News Hindi
Published : Feb 21 2022, 09:25 AM IST
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बच्चों में तनाव का कारण
पिछले 2 सालों में जिस तरह से लोगों की जीवन शैली में बदलाव आया है, उससे बच्चों की जिंदगी पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि घर में रहकर वह बाहरी दुनिया के संपर्क में नहीं आए है। ऐसे में उन्हें वापस से पुरानी लाइफस्टाइल में आने में थोड़ी घबराहट महसूस होती है। इसके अलावा पढ़ाई या एग्जाम पैटर्न में जिस तरह से बदलाव आया है, उससे भी बच्चों को तनाव हो रहा है।

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नेगेटिव न्यूज
बच्चों में एग्जाम के दौरान तनाव होने का एक और कारण नेगेटिव और तनावपूर्ण घटनाओं का होना भी है, क्योंकि जिस तरह से खबरों में आता है कि रिजल्ट अच्छा नहीं होने पर किसी बच्चे ने सुसाइड कर लिया या फिर परीक्षा के टेंशन में किसी बच्चे ने कोई गलत कदम उठा लिया। इस तरह की खबरों को देखकर बच्चों के मन पर नेगेटिव असर पड़ता है और उन्हें भी टेंशन होने लगती है।

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कैसे पहचाने बच्चों में एंजाइटी और तनाव
अगर आपके बच्चे के व्यवहार में कुछ बदलाव आपको नजर आ रहा है, तो आपको ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि पढ़ाई के दबाव में बच्चा अक्सर लोगों से कटने लगता है और बिल्कुल शांत वातावरण में अलग-थलग रहने लगता है। इतना ही नहीं पढ़ाई के प्रेशर में वह हारा हुआ महसूस करता है और पहले से उसका व्यवहार भी बिल्कुल अलग हो जाता है।

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नींद नहीं आना
एग्जाम की टेंशन में अक्सर बच्चों को नींद नहीं आने की समस्या होती है। ऐसे में ना ही वह रात को ढंग से सो पाते हैं और ना ही सुबह ढंग से पढ़ पाते हैं। एग्जाम टेंशन के कारण बच्चे रात में बीच-बीच में जागने लगते हैं और मानसिक के साथ-साथ शारीरिक रूप से उन्होंने समस्या होने लगती है।

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भूख ना लगना
कई बार एग्जाम की टेंशन में बच्चे खाना-पीना छोड़ देते हैं। ऐसे में उन्हें शारीरिक समस्या होने लगती है। अगर इस तरह की कोई भी लक्षण आपको अपने बच्चे में देखें तो समझ जाए कि, वह तनाव में है।
 

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चिड़चिड़ापन
परीक्षा से पहले या परीक्षा के दौरान आपका बच्चा अगर चिड़चिड़ा हो गया है, तो ऐसी स्थिति में समझ जाएं कि वह तनाव में है। अक्सर ठीक तरह से परीक्षा की तैयारी नहीं होने पर बच्चे गलत व्यवहार करने लगते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं।

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हमेशा पढ़ाई करते रहना
हमेशा पढ़ाई करते रहना भी एग्जाम प्रेशर का एक संकेत होता है। जी हां, अगर आपका बच्चा दिन-रात, सुबह, शाम सिर्फ किताब लेकर पढ़ता दिखाई दें, तो समझ जाए कि कोई ना कोई गड़बड़ जरूर है और उसे पढ़ाई को लेकर टेंशन हो रहा है।

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कैसे दूर करें बच्चों के एग्जाम टेंशन
बच्चों के तनाव को कम करने के लिए उन्हें रोजाना एक्सरसाइज, योग और खेलने के लिए कहे भले ही बच्चों का एग्जाम टाइम चल रहा हो, लेकिन आधे से एक घंटा उन्हें हर दिन खेलने के लिए जरूर दें। इससे बच्चों में पॉजिटिव एनर्जी आती है।

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खान-पान पर रखें विशेष ध्यान
एक्जाम प्रिपरेशन और परीक्षा के दौरान अपने बच्चों के खान-पान का अच्छी तरह से ख्याल रखें। उन्हें हेल्दी डाइट दें उनके खाने में फल, सब्जियां, दूध, पनीर, दही, ड्राई फ्रूट्स इन सारी चीजों को शामिल करें। इस दौरान उन्हें ऐसी चीजें ना दें जिससे उन्हें नींद या आलस आए।

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बच्चों से मिलने दें
अक्सर ऐसा होता है कि एग्जाम से पहले मां-बाप अपने बच्चों के सारे संपर्क बंद करवा देते हैं। इसके चलते ना हीं वह अपने दोस्तों से मिल पाते हैं ना ही उनसे बात कर पाते हैं, जिससे उन्हें और ज्यादा टेंशन होने लगती है। ऐसे में कोशिश करें कि आप बच्चों को समझें और दूसरे बच्चों से उनका मेलजोल होने दें, ताकि वह अपने दोस्तों से पढ़ाई के बारे में भी पूछ सकें और साथ ही खेलकूद भी करें।

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