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- मासूम 'नर्स' के मार्क्स और इरादे सुन अडानी ने कहा- अब मैं इसे बनाऊंगा 'काबिल', सड़क किनारे बेचती हैं चने
मासूम 'नर्स' के मार्क्स और इरादे सुन अडानी ने कहा- अब मैं इसे बनाऊंगा 'काबिल', सड़क किनारे बेचती हैं चने
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लगभग 12-13 साल की पालनी कुमारी की कहानी ट्विटर से लोगों के सामने आई है। 7वीं में पढ़ती हैं और घर भी चला रही हैं। जब वो मात्र डेढ़ साल की थीं तो उसके पापा का निधन हो गया। पालनी बड़ी होकर नर्स बनना चाहती है क्योंकि उसे लगता है नर्स ही तो लोगों की सेवा करती हैं। पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए वह सड़क किनारे चना बेचती है। इससे जो कमाई होती है उसी से वो गुजारा कर रही है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि छठी कक्षा में पालनी 75% अंकों के साथ फर्स्ट डिविजन से पास हुई है। उसके मार्क्स लोगों को हैरान करते हैं। मेडिकल लाइन में अपना करियर बनाने पालनी अभी से मजबूत इरादों के साथ आगे बढ़ रही है।
एबीपी न्यूज के ज्ञानेंद्र तिवारी ने पालनी के बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा ये पालनी कुमारी कक्षा 7वीं में पढ़ती हैं, वो जब डेढ़ साल की थीं तो पापा का निधन हो गया। पालनी को नर्स बनना है क्योंकि उसे लगता है नर्स ही लोगों की सेवा करती हैं। पढ़ाई कर सके इसलिए सड़क किनारे चना बेचती है और मम्मी बस में। 6th में 75% से पास हुईं है।
जगह-झारखंड , सिमडेगा
मदद कीजिए
इस ट्वीट को देख बिजनेसमैन गौतम अडानी ने पालनी की पढ़ाई का खर्च उठाने की बात कह दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'छोटी सी बच्ची और इतने बड़े विचार..! पालनी की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। अगर आपमें से किसी के पास उसके परिवार की कांटैक्ट डिटेल हो तो मुझे देने की कृपा करें। यही बेटियां नए और सशक्त भारत की उम्मीद हैं, इन्हें बेहतर कल मिले ये हम सबकी जिम्मेदारी है।'
पालनी की मदद करेंगे सीएम सोरेन
पालनी की मदद के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदेश दे दिए हैं। उन्होंने सिमडेगा के डीसी को पालनी के परिवार को सरकार की योजनाओं के जरिए मदद करने और पालनी की उत्तम शिक्षा का प्रबंध करने को कहा है।
कई लोग पालनी का मदद के लिए उसका मोबाइल नंबर मांग रहे हैं। पालनी के पास कोई मोबाइल नहीं है लेकिन क्षेत्र के लोगों ने उस तक पहुंच बनाकर मदद करने का आश्वासन दिया है।