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पेट्रोल को सस्ता करने की तैयारी में सरकार, अब एथेनॉल फ्यूल से चलेंगी गाड़ियां, जानें क्या हैं एथेनाल के फायदे
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तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है भारत
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और अपनी मांग का 85 फीसदी हिस्सा विदेशों से मांगता है। भारत में जरूरी लक्ष्य को पूरा करने के लिए करीब 10 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी।
क्या हैं एथेनाल के फायदे
एथेनॉल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनाऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। यह कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन और सल्फर डाइऑक्साइज को भी कम करता है। इसके अलावा एथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाव करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है।
एथेनॉल फ्यूल
एथेनॉल एक प्रकार का फ्यूल हैष जिसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है। इस फ्यूल से गाड़ियां भी चलाई जा सकती हैं। एतेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है।
इसकी जरूरत क्यों
एथेनॉल इको-फ्रेडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों ले सुरक्षित रहता है। यह कम लागत पर अघिर ऑक्टेन नंबर देता है और एमटीबीई जैसे खतरनाक फ्यूल के लिए ऑप्शन के रूप में काम करता है। यह इंजन की गर्मी को भी बाहर निकालता है।
आम जनता को क्या फायदा
एथेनॉल मिलावट वाले पेट्रोल से देश के साथ-साथ आम आदमी को भी बड़ा फायदा होगा। क्रूड पर निर्भरता कम होगी। एथेनॉल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होता है। इंजन जल्द गर्म नहीं होता है।