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घर-रसोई और बच्चा संभालते जब एक गृहणी ने की UPSC की तैयारी, IAS अफसर बन उड़ा दिए गांववालों के होश
करियर डेस्क. IAS Success Story of Pushpa Lata: दोस्तों जनवरी में यूपीएससी सिविल सर्विस (UPSC Civil Services Mains Exam 2020) की मुख्य परीक्षा होनी है। इस परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स तैयारी में जुटे हैं। इसमें स्टूडेंट्स से लेकर वर्किंग लोग भी शामिल हैं। कई बार ऐसा भी हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्र से भी लोग सिविल सेवा में सफल होते हैं। पर हैरान तो एक बार गरीब परिवार की एक गृहणी ने किया था। घर-परिवार संभालने वाली इस महिला ने सेल्फ स्टडी से UPSC की तैयारी करके अफसर का पद पाया। ये हैं पुष्पा लता जो समाज की रूढ़िवादी सोच को मुंह चिढ़ाकर आईएएस अफसर बनीं। इनके संघर्ष और सफलता की कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं। बच्चे और परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए UPSC एग्जाम क्लियर करने वाली पुष्पा आज IAS अफसर के पद पर काबिज हैं-
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पुष्पा लता ने हाउस वाइफ होने के बावजूद कड़ी मेहनत से अफसर बनने के इस मुकाम को हासिल किया। पुष्पा का संघर्ष भी कम नहीं रहा है एक तरफ उन्हें बच्चे, ससुराल पति और परिवार संभालना था तो दूसरी तरफ अफसर बनने के अपने सपने की तैयारी भी करनी थी।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले की पुष्पा लता गांव में ही पली बढ़ी। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई भी गांव से की। उनके गांव में स्कूल अच्छे नहीं थे तो उन्होंने अंकल के घर रहकर आगे की पढ़ाई की जहां उन्होंने बीसीएसी (BSc.) किया। बीएससी के बाद उन्होंने एमबीए किया। फिर उन्होंने बैंक ऑफ हैदराबाद में नौकरी की। 2011 में शादी के बाद वो मानेसर आ गईं यहां से उन्होंने यूपीएससी एग्जाम (UPSC) के बारे में सुना और खुद से तैयारी करने की ठान लीं। उनके डॉक्टर पति ने भी उन्हें इस डिसीजन में सपोर्ट किया।
पुष्पा की शादी काफी यंग एज में हो गई थी। शादीशुदा ज़िंदगी में वो घर संभालने में लगी रहती थीं। शादी के बाद जैसा की औरतों को रिश्तेदारों से वही टिपिकल तानें सुनने को मिलते हैं कि औरतें घर संभालने के लिए होती हैं, वो घर और किचन ही संभाले, बच्चों को पालना ही उनका फर्ज होता है। गांव में ये सब पुष्पा ने भी खूब सुना था, पर उन्होंने इन सारे तानों की हवा उड़ा दी।
शादी के बाद उनका बच्चा हो गया। ससुराल पति, बच्चे जैसी जिम्मेदारी में घिरी पुष्पा पहले भी नौकरी कर रही थीं। पुष्पा, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में असिस्टेंट मैनेजर थीं। पर पुष्पा के इरादे चट्टान जैसे मजबूत थे, उन्होंने अधिकारी बनने की ठान ली। उन्होंने 2015 में नौकरी से इस्तीफा दिया और तभी से सिविल सर्विस परीक्षा (Civil Services Exam) की तैयारी शुरू की।
पुष्पा का डेली रूटीन काफी मुश्किल था। सुबह उठना खाना, घर के सैकड़ों काम और छोटे बच्चे की जिद और देखभाल। ये सब वो अकेले करती रहीं और समय निकालकर किताबें हाथ में ले लेती थीं। उन्होंने UPSC सिविल सर्विस एग्जाम को क्रैक करने के अपने ख्वाब को सच कर दिखाया। उन्होंने एक बार फिर इस मिसाल को तजुर्बे में बदल दिया कि कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता के साथ किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।
फुल टाइम हाउस वाइफ पुष्पा ने दूसरे अटेंप्ट में सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर किया। साल 2017 में UPSC सिविल सर्विस एग्जाम में उन्होंने ऑल इंडिया 80वीं रैंक हासिल की। उन्होंने घर बैठकर ही पढ़ाई की और एग्जाम क्लियर किया।
यूपीएससी (UPSC) की तैयारी करने वाले बाकी कैंडीडेट्स की तरह उन्होंने भी दिल्ली में कोचिंग करने के लिए सोचा था, लेकिन पैसों की तंगी और बच्चे की जिम्मेदारी के कारण उन्होंने सेल्फ स्टडी की ठानी। बच्चे की जिम्मेदारी निभाते हुए UPSC एग्जाम क्लियर करने वाली इस हाउस वाइफ की सक्सेज स्टोरी आपको सोचने पर मजबूर कर सकती है।
उनके आईएएस अफसर बनने के बाद परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। अपनी सफलता और मेहनत से पुष्पा ने औरतों को कमतर आंकने वालों को भी आइना दिखाया। पुष्पा की कहानी UPSC के लाखों कैंडिडेट्स के लिए प्रेरणा है। अगर आप ठान लें तो मुश्किलों में भी रास्ते बन जाते हैं।