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IAS अफसर को आखिर कितनी मिलती है सैलरी? साथ में बंगला-गाड़ी जैसी सुविधाएं बढ़ा देती हैं रुतबा
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पहले हम आपको ये बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के तहत मिलने वाले पद कौन-कौन से हैं और उनमें अंतर क्या हैं? आईएएस और आईपीएस का पद विशेष अधिकार वाला होता है। इन्हें लोक सेवा अधिकारियों के तौर पर जाना जाता है और ये भारतीय लोकतंत्र के ध्वजवाहक कहलाते हैं। इनकी अलग अलग भूमिकाएं होती है और इनकी सैलरी में भी बहुत अंतर होता है। यह सभी अधिकारी संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद चयनित किए जाते हैं।
आईएएस IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) - सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस बनाया जाता है। आईएएस अधिकारी संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाकों में लागू करवाते हैं। साथ ही नई नीतियां या कानून बनाने में भी अहम योगदान निभाते हैं। आईएएस अधिकारी कैबिनट सेकेट्री, अंडर सेकेट्री आदि भी बन सकते हैं।
आईपीएस IPS (इंडियन पुलिस सर्विस)- आईपीएस अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करता है। आईपीएस एसपी से लेकर आईजी, डेप्यूटी आईजी, डीजीपी तक बनाए जाते हैं। आईपीएस फियरलैस और इक्वैलिटी को साथ लेकर चलते हैं। आईएएस सही तौर पर कानून को लागू करने का काम करते हैं।
आईईएस IES (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस)- यह सरकार के टेक्निकल फंक्शन को देखते हैं। खास बात ये है कि अन्य अधिकारियों के लिए सिर्फ ग्रेजुएशन की आवश्यकता होती है, लेकिन आईईएस के लिए उम्मीदवारों को इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट किया होना आवश्यक है। आईईएस अधिकारी डिपार्टमेंट ऑप सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में काम करते हैं।
आईएएस IAS अफसर की सैलरी-
एक आईएएस अधिकारी की सैलरी 7 वें वेतन आयोग के अनुसार 54000 से 1,50,000 तक होती हैं। जैसे जैसे इनका प्रमोशन होता हैं वैसे वैसे सैलरी भी बढ़ती रहती है।
आईएएस अधिकारी की सैलरी: आईएएस अधिकारी के वेतन की बात करें तो ये विभिन्न संरचनाओं के आधार पर होता है, जैसे कि जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल, वेतनमानों में अलग-अलग वेतन बैंड होते हैं। आईएएस अधिकारी भी एचआरए (मूल या आधिकारिक आवास का 40 प्रतिशत) के हकदार होता है. साथ ही उन्हें डीए, टीए भी मिलता है। इसमें कैबिनेट सेकेट्री, अपेक्स, सुपर टाइम स्केल के आधार पर सैलरी बढ़ती जाती है।
आईपीएस अधिकारी की सैलरी: आईपीएस अधिकारियों को भी पीएफ, ग्रैच्युटी, हेल्थकेयर सर्विसेज, आजीवन पेंशन, निवास, सर्विस क्वार्टर, परिवहन, घरेलू कर्मचारियों, अध्ययन की छुट्टियां और कई अन्य सेवानिवृत्ति सुविधाएं दी जाती हैं। इसमें आईजी, डीआईजी, एडीजी, एसपी के आधार पर सैलरी मिलती है।
आईएफएस- आईएफएस विदेशी मामलों को लेकर काम करते हैं और विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं देते हैं। आईएफएस अधिकारी यूपीएससी क्लियर करने के तीन साल की ट्रेनिंग के बाद आईएफएस ऑफिसर बनते हैं। आईएफएस अधिकारी डिप्लोमेसी से जुड़े मामलों में काम करते हैं और द्विपक्षीय मामलों को हैंडल करते हैं।
बंगला-गाड़ी
एक आईएएस अधिकारी राज्य सरकार के तहत वीवीआईपी प्रतिबंधित क्षेत्र में एक डुप्लेक्स बंगले के हकदार होते हैं। इस लाभ का आनंद उनके द्वारा किसी अन्य जिला /कमीशन या मुख्यालय में पोस्ट करने के बावजूद लिया जाता है। जब कोई IAS अधिकारी जिला कलेक्टर या जिला मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात होता है, तो उसे आमतौर पर एक बंगला मिलता ही है। उन्हें एक बंगले की आवश्यकता होती है क्योंकि ज्यादातर अगर उन्हें अपने निवास पर एक कार्यालय स्थापित करने की आवश्यकता होती है, जहां से वे विशेष दिनों में काम कर सकते हैं।
सर्विस क्वाटर - अपने राज्य में जहां एक अधिकारी की पोस्टिंग हैं, वहां तो सरकारी घर मिलता ही है। इसके अलावा एक आईएएस ऑफिसर को पोस्टिंग के दौरान कहीं जाना पड़े तो वहां भी उन्हें सरकारी घर दिया जाता है।
भारतीय पुलिस के बारे में बात करना: आमतौर पर पुलिस में एसपी / डीआईजी / आईजी और कमिश्नरों को आसानी से बंगला मिल जाता है। यह उनके फील्ड पोस्टिंग के कारण है। दूसरी ओर, जब एक IAS जब अधिकारी को सचिव के रूप में तैनात किया जाता है, तो उन्हें आमतौर पर फ्लैटों में रहना पड़ता है।
उदाहरण: अधिकांश IAS अधिकारी, जिनमें सचिव या प्रमुख सचिव स्तर के पद शामिल हैं, वे चेन्नई में फ्लैट्स में रहते थे। भारत के कई हिस्सों में स्थिति कमोबेश एक जैसी है। हालांकि कुछ IAS अधिकारी उच्च पद प्राप्त करने पर एक छोटा बंगला प्राप्त कर सकते हैं (यदि बंगला उपलब्ध है) लेकिन उनकी तुलना उन बंगलों से नहीं की जा सकती है जहां एक DM रहता है।
गाड़ी-ड्राइवर
आईएएस अधिकारियों को कम से कम 1 और अधिकतम 3 आधिकारिक वाहन कहीं आने जाने के लिए दिए जाते हैं, जिसके लिए उन्हें ड्राइवर भी दिया जाता है। सभी कारों के ऊपर अधिकारियों को ब्लू लाइट भी दी जाती है। मुख्य सचिव पैमाने में नियुक्त अधिकारियों को लाल लाइट वाले वाहन भी दिए जाते हैं। आईएएस अधिकारी को किसी प्रयोजन हेतु आवाजाही के लिए कम से कम 1 एवं अधिकतम 3 सरकारी वाहन चालक सहित आवंटित किये जाते हैं।
सुरक्षा -
आईएएस अधिकारी और उनके परिवारों को सरकारी सुरक्षा भी दी जाती है। आम तौर पर, राज्य मुख्यालयों में तैनात अधिकारियों को 3 होम गार्ड और 2 अंगरक्षक दिए जाते हैं। उनकी लाइफ में आने वाले किसी भी खतरे के लिए उनको एसटीएफ कमांडो के द्वारा भी सुरक्षा दी जाती है।
मिलने वाली अन्य सुविधाएं-
बिल - निजी कंपनी के कर्मचारियों के विपरीत, आईएएस अधिकारियों को उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली आम घरेलू सेवाओं के लिए किसी भी तरह का बिल नहीं लेना पड़ता है। मिसाल के तौर पर, बिजली या तो अपने आधिकारिक निवास के लिए भारी सब्सिडी से मुक्त दी जाती है।
कार्यालयी आवास के लिए आईएस अधिकारी को बिजली या तो पूरी तरह मुफ्त या बहुत ही अधिक सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। इसी तरह उन्हें मुफ्त टॉक टाइम, एसएमएस और इंटरनेट सेवाओं के साथ 3 बीएसएनएल सिम कार्ड आवंटित किये जाते हैं।
आईएएस अधिकारी को अधिकारिक आवास या सर्विस क्वार्टर के प्रतिदिन के कार्यों की देख रेख करने घरेलू स्टाफ यानि नौकर-चाकर दिए जाते हैं। आपको बता दें की आईएएस अधिकारी किसी प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए 4 साल का अवकाश ले सकते हैं, जिसके खर्च का वहन सरकार द्वारा किया जाता है।
अन्य लाभ - आईएएस अधिकारियों को पीएफ, ग्रैच्युइटी, हेल्थकेयर सेवाएं, आजीवन पेंशन और कई अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के रूप में कई अन्य लाभ भी दिए जाते हैं।
अनौपचारिक लाभ - इसके अतिरिक्त, आईएएस अधिकारी जिला या उनके अधिकार क्षेत्र में होने वाले सभी प्रमुख प्रोग्राम में आमंत्रित होते हैं। इसमें क्रिकेट मैचो, संगीत कार्यक्रम, पार्टियां और अन्य इवेंट शामिल होते हैं।