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पद्म अवॉर्ड से सम्मानित हस्तियों को नहीं मिलती हैं सुविधाएं, जानें कहां कर सकते हैं मेडल का प्रयोग
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कब हुई थी शुरुआत
देश में पद्म पुरस्कार देने की शुरुआत वर्ष 1954 में की गई थी। इन सम्मानों के लिए हर साल 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को नामों की घोषणा की जाती है। इस सम्मान कार्यक्रम को राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाता है। राष्ट्रपति के द्वारा यह सम्मान दिया जाता है।
किन क्षेत्रों के लिए दिया जाता है सम्मान
यह सम्मान, कला, सामाजिक कार्य, साइंस, बिजनेस, मेडिकल, साहित्य, शिक्षा, सिविल सेवा और खेल जैसे क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली हस्तियों को दिया जाता है।
कौन सी सुविधाएं मिलती हैं
इन सम्मानों में देश के राष्ट्रपति के साइन और मुहर लगी होती है। केवल मेडल के साथ एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस सम्मान के साथ किसी भी तरह का कोई नकद राशि नहीं दी जाती हैं। सम्मान पाने वाले को किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जाती है जैसे कि रेलवे में यात्रा या किसी भी तरह का भत्ता नहीं दिया जाता है।
राजकीय समारोह में पहन सकते हैं
जिन हस्तियों को इस सम्मान से सम्मानित किया जाता है वो इस मेडल को किसी भी राजकीय समारोह में पहन सकते हैं। लेकिन इस सम्मान से सम्मानित नागिरक इसको अपनी पदवी में शामिल नहीं कर सकता है। मतलब अपने नाम के आगे इसे नहीं लिख सकता है।
देश में मिलती है पहचान
इन सम्मान से सम्मानित नागरिकों को विशेष फायदा ये होता है कि यह सम्मान पाने के बाद उन्हें देशभर में पहचान मिलती है। उनके द्वारा किए गए कामों को लोग जान पाते हैं कि उन्होंने किस फील्ड में क्या योगदान दिया है।
किस क्रम में दिया जाता है सम्मान
भारत रत्न के बाद पद्म विभूषण भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। पद्म भूषण देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है और पद्मश्री भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है।