- Home
- Career
- Education
- 25000 रुपए लगाकर 60 साल के 'अंकल' कमा रहे 45 लाख रुपए सालाना, पहले लोगों ने उड़ाई थी हंसी
25000 रुपए लगाकर 60 साल के 'अंकल' कमा रहे 45 लाख रुपए सालाना, पहले लोगों ने उड़ाई थी हंसी
शुरुआत हमेशा 'शून्य' से होती है। करियर और रोजगार के मामले में भी यही होता है। अगर आप सही दिशा में और सही ढंग से कोई काम करते हैं, तो निश्चय ही आगे आप सफल रहेंगे। हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले 60 वर्षीय सतबीर पूनिया यह उदाहरण पेश करते हैं। बात सिर्फ 3 साल पुरानी है। उन्होंने अपने 16 एकड़ खेतों में फल उगाना शुरू किए। यह सब काम सिर्फ 25000 रुपए की लागत से शुरू किया गया। आज उनका सालाना टर्न ओवर 45 लाख रुपए है। इसमें से 15-20 लाख रुपए शुद्ध मुनाफा। इनकी सफलता की कहानी दूसरों किसानों को भी आकर्षित करती है। लोग इन्हें प्यार से 'बेर अंकल' कहकर पुकारते हैं।
- FB
- TW
- Linkdin
सतबीर एग्रीकल्चर विषय से बैचलर हैं। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे किसानी करने लगे। लेकिन तरीका वही पुराना था। ऐसे में कमाई कुछ भी नहीं हो पा रही थी। लिहाजा खेती-किसानी छोड़कर काम-धंधा शुरू करना पड़ा। करीब 20 साल तक बिजनेस करते रहे। कमाई अच्छी होने के बावजूद वे संतुष्ट नहीं थे। खेत उन्हें बार-बार अपनी ओर बुला रहे थे।
सतबीर बिजनेस के सिलसिले में खूब घूमते हैं। 2007 में इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ के रायपुर गए थे। यहां उन्हें थाई एप्पल बेर के बारे में पता चला। बता दें कि थाइलैंड के एक फल को थाई एप्पल बेर के नाम से जाना जाता है। यह बेर की ही एक प्रजाति है, लेकिन आकार में बड़ा। थाइलैंड में इसे जुजुबी भी कहते हैं। सतबीर ने 25 हजार रुपए इन्वेस्ट करके इसके कुछ पौधे मंगवाए। साथ ही अमरूद और नींबू के पौधे भी मंगवाए। सतबीर बताते हैं कि थाई एप्पल बेर से प्रति एकड़ 3-4 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।
सतबीर बताते हैं कि शुरुआत में लोगों ने उनकी हंसी उड़ाई। परिजन भी बोलते थे कि 25000 रुपए डुबा दिए। ये जंगली पौधे किस काम के? लेकिन सतबीर नहीं डिगे। आज इनके बाग में 10000 से ज्यादा पौधे हैं। अब तो दूसरे किसान भी उनका यह मॉडल देखने और समझने आने लगे हैं।
सतबीर किसानों को बागवानी के तौर-तरीके भी सिखाते हैं। वे सलाह देते हैं कि बागवानी के लिए मिट्टी स्वस्थ होनी चाहिए। अगर आप अच्छी फसल चाहते हैं, तो जैविक खेती करें। अगर पानी अच्छा नहीं है, तो बारिश के पानी को इकत्रित करने का उपाय करें। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम अपनाएं। इससे पानी की बर्बादी नहीं होती।
सतबीर बताते हैं कि एक थाई एप्पल बेर का पेड़ 20 सालों तक फल देता है। एक पेड़ से 30-40 किलो तक उत्पादन होता है। यह 100 किलो तक जाता है। सतबीर के साथ आज 20 लोग काम कर रहे हैं। वे गांव के दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित करते हैं। सतबीर बताते हैं कि सामान्य बेर साल में एक बार आते हैं, यानी मार्च और अप्रैल में। लेकिन थाई एप्पल बेर जनवरी से फल देना शुरू कर देते हैं।
सतबीर मंडियो में जाकर भी फल बेचते हैं और अब तो वे अपने खुद के स्टाल्स भी लगाने लगे हैं। कई व्यापारी सीधे बाग में आकर फल खरीद ले जाते हैं। सतबीर की इस उपलब्धि के लिए हरियाणा के कृषि मंत्री उनको सम्मानित कर चुके हैं।
(अगर आप भी ऐसा करना चाहते हैं, तो सतबीर के मोबाइल नंबर 9254175999 पर संपर्क कर सकते हैं)