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क्या शौहरत का घमंड ले डूबा मनीषा कोइराला का करियर, ऐसी पड़ी ड्रग्स के नशे की लत बर्बाद हो गया सबकुछ
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नेपाल की रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखने वाली मनीषा अपनी दादी के साथ वाराणसी में रहती थी। 10वीं की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्हें अचानक ही 1989 में एक नेपाली फिल्म में काम करने कौ मौका मिला। डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखने वाली मनीषा आगे की पढॉाई करने दिल्ली आ गई।
दिल्ली आने के बाद उन्हें मॉडलिंग के ऑफर मिलने लगे। मॉडलिंग करते-करते उन्हें लगा कि उन्हें एक्टिंग पर फोकस करना चाहिए। और इस तरह वे मुंबई आ गई ताकि फिल्मों में किस्मत आजमा सके।
90 के दशक में डायरेक्टर सुभाष घई फिल्म सौदागर बना रहे थे और इस फिल्म के लिए नए चेहरे की जरूरत थी। उन्होंने इस फिल्म में दिलीप कुमार और राज कुमार जैसे बॉलीवुड के दिग्गजों को साइन किया था। मनीषा को कहीं से भनक लगी और उन्होंने घई से मुलाकात की। स्क्रीन टेस्ट में पास होने के उन्हें फिल्म मिल गई। इसमें उनके साथ विवेक मुशरान लीड रोल में थे।
फिल्म सौदागर उस साल की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। पहली ही फिल्म ने मनीषा को रातोंरात सुपरस्टार बना दिया था। इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इस फिल्म के बाद उन्होंने फर्स्ट लव लेटर, यलगार, इंसानियत के देवता, अनमोल, मिलन जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि, इन फिल्मों ने बॉक्सऑफिस कुछ खास कमाल नहीं किया।
1994 में आई फिल्म 1942 ए लव स्टोरी ने मनीषा के करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम किया। इसके बाद उन्होंने क्रिमिनल, बॉम्बे, अकेले हम अकेले तुम, दुश्मन, अग्निसाक्षी, गुप्त, दिल से, कच्चे धागे, मन जैसी हिट फिल्मों में काम किया।
करियर के शुरुआत में मिले स्टारडम को मनीषा बरकरार नहीं रख पाईं और कुछ फ्लॉप फिल्मों की वजह से वो तनाव में रहने लगीं। तनाव की वजह से मनीषा को ड्रग्स और शराब की लत लग गई। उनकी इस बुरी आदत की वजह से उन्हें फिल्में मिलना भी धीरे-धीरे कम हो गईं। शराब और ड्रग्स की वजह से उनकी सेहत भी काफी खराब हो गई थी।
मनीषा की जिंदगी में सबसे बुरा वक्त तब आया जब उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी का पता चला। पहले पति से तलाक और उसके बाद कैंसर किसी को भी हताश करने के लिए काफी थे। लेकिन मनीषा ने हार नहीं मानी और पहले काठमांडू और बाद में मुंबई में इलाज करवाया। हालांकि बाद में वो ओवेरियन कैंसर के इलाज के लिए अमेरिका चली गईं। चार साल तक चले इलाज के बाद वो इस बीमारी से उबर पाईं।