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अमिताभ बच्चन पर जब 15 साल के लिए लग गया था बैन, फिर गुस्साए बिग बी ने ऐसे लिया था बदला
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वैसे, ये तो सभी जानते हैं कि अमिताभ बच्चन राजीव गांधी के बहुत अच्छे दोस्त थे। जब इमरजेंसी के दौरान कई फिल्मों और फिल्मी दुनिया की मैग्जीन्स पर बैन लगा तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ा अमिताभ बच्चन को। जब फिल्मी मैग्जीन्स पर भी सेंसर लागू कर दिया गया तो इसका गुस्सा सामूहिक रूप से अमिताभ बच्चन पर उतारा गया। नतीजा ये हुआ कि मीडिया ने उन पर एकतरफा अघोषित बैन लगा दिया।
इमरजेंसी के दौर में फिल्मों की खबरें जानने के लिए ना तो अखबार होते थे, ना ही एंटरटेनमेंट चैनल और ना ही सोशल मीडिया। ऐसे में फिल्मी न्यूज के लिए मैगजीन ही एकमात्र जरिया होती थीं। मैग्जीन्स के एडिटर्स को लगा कि चूंकि अमिताभ बच्चन गांधी फैमिली के बेहद करीबी हैं इसलिए ये सब उन्हीं की सलाह पर हुआ होगा।
जब इंदिरा गांधी 1977 में चुनाव हार गईं तो सिनेब्लिट्ज और स्टारडस्ट जैसी बड़ी मैग्जीन्स के एडिटर्स ने एक मीटिंग बुलाई और फैसला किया कि वो अमिताभ बच्चन की खबरें और फोटो नहीं छापेंगे। ऐसे में कुछ दिनों तक तो अमिताभ को पता भी नहीं चला कि मीडिया उन्हें बैन कर चुका है।
बाद में जब अमिताभ को पता चला कि देश के मीडिया ने उन्हें अनऑफिशियली बैन कर दिया है तो गुस्साए अमिताभ ने भी बदला लेने का फैसला किया। ऐसे में उन्होंने किसी भी मैग्जीन को इंटरव्यू ना देने और फोटोशूट ना कराने का फैसला किया था।
अमिताभ को बैन करने के दौरान आलम ये था कि अगर गलती से किसी फोटो में बिग बी दिख भी जाते थे तो उन्हें या तो छापा नहीं जाता था या फिर साइड से अमिताभ बच्चन को काट दिया जाता था। ऐसे में अमिताभ खुद ही ग्रुप फोटो या इवेंट में साइड में ही खड़े होने लगे थे, ताकि उनकी फोटो छपने से पहले क्रॉप की जा सके। इस तरह अमिताभ पर मीडिया का ये बैन करीब 15 साल तक चला।
1982 में फिल्म 'कुली' की शूटिंग के दौरान जब अमिताभ बच्चन घायल हो गए तो पूरे देश ने मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में उनके लिए दुआएं मांगी। फिल्मी मैग्जीन के मालिकों ने भी अमिताभ को लेकर फैन्स की दीवानगी देखी तो पिघल गए। खुद स्टारडस्ट के मालिक नारी हीरा ने अमिताभ बच्चन की तबीयत पूछी और उनका हालचाल जाना। इसके बाद स्टारडस्ट ने बैन हटाते हुए अमिताभ बच्चन पर एक स्पेशल एडिशन भी निकाला था।
जब अमिताभ बच्चन ठीक हो गए तो वो स्टारडस्ट के मालिक नारी हीरा से मिलने पहुंचे। अमिताभ ने उनसे पूछा- आप तो मुझसे नाराज थे, फिर आपने मुझ पर ये आर्टिकल क्यों लिखा। इस पर नारी हीरा ने अमिताभ से कहा- हम ये तो चाहते थे कि आप फेल हो जाएं, लेकिन ये कतई नहीं चाहते थे कि आप मर जाएं। इस मीटिंग में दोनों के गिले-शिकवे तो दूर हो गए लेकिन मीडिया का बैन अब भी चलता रहा।
अब भी मीडिया ने अमिताभ को और अमिताभ ने मीडिया को बैन कर रखा था। इसी बीच 1989 में अमिताभ का नाम बोफोर्स घोटाले की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में आया। ऐसे में परेशान अमिताभ ने फिल्म 'अजूबा' के सेट पर अपने पीआर के जरिए प्रेस वालों को मिलने बुलाया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिग बी ने अपनी सफाई दी और कहा- पॉलिटिक्स तो मैं पहले ही छोड़ चुका हूं और ये भी बता दूं कि इमरजेंसी के दौरान लागू हुई सेंशरशिप में मेरा कोई हाथ नहीं था। इसके बाद ही अमिताभ पर लगा ये बैन ऑफिशियल खत्म हुआ और वो एक बार फिर मीडिया के चहेते सुपरस्टार बन गए।
वहीं, भावना सोमाया ने अपनी किताब 'अमिताभ बच्चन : द लीजेंड' में उन्हें बैन किए जाने की असल वजह बताई है। दरअसल, दिलीप कुमार ने स्टारडस्ट मैग्जीन के शो का बॉयकाट किया था। ऐसे में अमिताभ बच्चन ने भी उनका साथ दिया था। जब मैग्जीन को पता चला कि इस बॉयकाट के पीछे यही दोनों हैं तो दोनों को ही बैन कर दिया गया था। हालांकि बाद में अमिताभ के इसी बैन को इमरजेंसी से भी जोड़ दिया गया।