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ऑस्ट्रेलियाई लड़की पर आ गया था इस दिग्गज खिलाड़ी का दिल, जानें फिर क्यों अलग हो गए दोनों के रास्ते
स्पोर्ट्स डेस्क : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के दिग्गज स्पिनर बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) शनिवार, 25 सिंतबर को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनकी गिनती भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दिग्गज खिलाड़ी के रूप में की जाती है। उन्होंने 13 साल तक भारतीय क्रिकेट में 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट और 10 वनडे में 7 विकेट हासिल किए थे। इतना ही नहीं वह घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के मामले में सबसे आगे हैं। अपने खेल के अलावा बेदी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। आइए उनके जन्मदिन पर हम आपको दिखाते हैं, उनकी पर्सनल लाइफ...
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बिशन सिंह बेदी का जन्म 25 सितंबर 1946 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। वह बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी किया करते थे। उन्होंने 1966 से 1979 तक भारतीय क्रिकेट में खेला। इस दौरान वह भारतीय टीम के कप्तान भी रहे थे।
अपने क्रिकेट करियर के दौरान 1967-68 के बीच उनकी मुलाकात ऑस्ट्रेलियन गर्ल ग्लेनिथ (Glenith) से हुई। दोनों के बीच बातचीत हुई और कुछ ही मुलाकातों में दोनों के बीच प्यार हुआ और जल्द ही शादी हो गई।
कुछ साल बाद बेदी-ग्लेनिथ का बेटा हुआ, जिसका नाम उन्होंने सुनील गावसकर के नाम से मिलता हुआ गावस इंदर सिंह रखा, क्योंकि वह गावसकर ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज में 774 रन बनाए थे। उनकी इस परफॉर्मेंस से बेदी बहुत प्रभावित और अपने बेटे का नाम उनके सरनेम पर रख दिया। इसके बाद दोनों की एक बेटी ग्लिंडर भी हुई। लेकिन कई सालों बाद दोनों का तालाक हो गया।
इसके बाद बिशन सिंह ने भारतीय लड़की अंजू इंद्रजीत से शादी की। जिससे उन्हें 2 बच्चे और हुए। उनका बेटा अंगद बेदी बॉलीवुड एक्टर और मॉडल हैं। वहीं, दूसरी शादी से उनको एक नेहा नाम की बेटी भी है। बता दें कि, अंगद ने नेहा (नेहा धूपिया) नाम की ही बॉलीवुड एक्ट्रेस से शादी की है।
बिशन सिंह बेदी अपनी बेबाकी के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने 1978 में गुस्से में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना कर दिया था। दरअसल, एक मैच में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सरफराज नवाज ने लगातार चार बाउंसर फेंकी और किसी भी गेंद को अंपायर ने वाइड नहीं दिया। यह देख कप्तान बेदी बेदी भड़क उठे और उन्होंने खेलने से मना कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान को विजेता घोषित किया गया।
इतना ही नहीं कुछ समय पहले उन्होंने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (DDCA) की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि वह DDCA के पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की मूर्ति लगाने के फैसले का विरोध कर रहे थे। उन्होंने DDCA को चिट्ठी लिखकर नेपोटिज्म को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया था।
बता दें कि उन्होंने अपने पूरे फर्स्ट क्लास करियर में 1560 विकेट लिए, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में किसी भी गेंदबाज के लिए रिकॉर्ड है।