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- इस क्रिकेटर ने गरीबी में बिताया बचपन, पिता चौकीदारी करते थे, आज पीएम मोदी भी इन्हें 'सर' कहते हैं
इस क्रिकेटर ने गरीबी में बिताया बचपन, पिता चौकीदारी करते थे, आज पीएम मोदी भी इन्हें 'सर' कहते हैं
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट का वो खिलाड़ी जिसे पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी 'सर' कहते हैं। यहां तक की भारत के प्रधानमंत्री भी उन्हें 'सर जडेजा' कहकर संबोधित कर चुके हैं। जी हां, हम बात कर रहें है, भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाले ऑल राउंडर क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की। रवीद्र जडे़जा एक बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं। शुरुआती दिनों में उन्हें गरीबी का सामना करना पड़ा। उनके पिता एक निजी कंपनी में चौकीदार हुआ करते थे। इसके बाद भी, जडेजा ने अपनी कड़ी मेहनत से भारतीय टीम में जगह बनाई। आइए जानते इस हरफनमौला खिलाड़ी के बारे में।
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रवींद्र जडेजा ने 2002 में पहली बार सौराष्ट्र की अंडर-14 टीम में महाराष्ट्र के खिलाफ मैच खेला। पहले ही मैच में उन्होंने 87 रन बनाए और 4 विकेट भी लिए। 15 साल की उम्र में ही वो सौराष्ट्र की अंडर-19 टीम में आ गए थे। इसी फॉर्मेट में उन्होंने अपने करियर की पहली सेन्चुरी भी लगाई थी।
रवींद्र जडेजा के पिता अनिरुद्ध एक निजी कंपनी में चौकीदार थे। वो अपने बेटे को आर्मी अफसर बनाना चाहते थे लेकिन रविन्द्र जडेजा का रुझान शुरू से ही क्रिकेट की ओर था।
जडेजा की मां चाहती थीं कि बेटा क्रिकेटर बने। आर्थिक परेशानी होने के बावजूद मां का सपना पूरा करने के लिए जडेजा ने कड़ी मेहनत कर इंडियन टीम में जगह बनाई, लेकिन 2005 में एक एक्सीडेंट में उनकी मां का निधन हो गया। इससे जडेजा इतने टूट गए थे कि उन्होनें क्रिकेट छोड़ने तक का मन बना लिया था।
रवींद्र जडेजा की दो बड़ी बहन हैं। मां के जाने के बाद उनकी बड़ी बहन ने ही उन्हें मां और बहन का प्यार दिया।
रवींद्र जडेजा ने 17 अप्रैल 2016 को रीवा सोलंकी से शादी की थी। उन दोनों की एक बेटी भी है।
दिसंबर, 2005 में उन्होंने वर्ल्ड कप अंडर-19 टीम में जगह बना ली। यहां जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार और पाकिस्तान के खिलाफ तीन विकेट लेकर जबरदस्त परफॉर्मेंस दी।
2008 में भी जडेजा अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के मेंबर थे। ये टीम वर्ल्ड कप चैम्पियन रही थी। टूर्नामेंट में जडेजा ने 10 विकेट लिए थे। फरवरी, 2009 में उन्हें टीम इंडिया के लिए वनडे और फिर टी-20 खेलने का मौका मिला। जडेजा ने 2012 में टेस्ट डेब्यू किया।
2012 में जडेजा ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तीन ट्रिपल सेंचुरी लगाई। ऐसा करने वाले वें दुनिया के आठवें और पहले भारतीय क्रिकेटर बने। इसके बाद ही उन्हें 'सर जडेजा' कहा जाने लगा।
सिर्फ उनके टीम के साथी ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 12 फरवरी 2015 को उन्हें 'सर' कहकर संबोधित किया था। उन्होने ट्वीट किया था कि, आपका फैन कौन नहीं हैं 'सर जडेजा'।
बांग्लादेश के खिलाफ जून, 2015 में वनडे सीरीज के बाद उनको खराब प्रदर्शन के कारण वनडे टीम से बाहर कर दिया गया था। वह लगभग 14 महीने टेस्ट टीम से भी बाहर रहे।
जडेजा टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेजी से 200 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के गेंदबाज हैं। जडेजा ने महज 44 टेस्ट में इस कारनामे को अंजाम दिया और श्रीलंका के पूर्व स्पिनर रंगना हेराथ का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 47 टेस्ट में अपने 200 टेस्ट विकेट
पूरे किए थे।
अब जब 19 सिंतबर से आईपीएल की शुरुआत होने जा रही है, ऐसे में देखना होगा कि, अब कौन सा नया रिकार्ड 'सर जडेजा' के नाम आता है।