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नौकरी जाने के बाद भी पिता ने पूरा किया था हार्दिक-क्रुणाल का सपना, ऐसी थी तीनों की बॉन्डिंग
स्पोर्ट्स डेस्क : टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या (Krunal Pandya and Hardik Pandya) के पिता का शनिवार सुबह कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया। दोनों ही भाई बड़ौदा के लिए सैय्यद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट में खेल रहे थे। पिता के मौत की खबर मिलते ही हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या अपने घर के लिए रवाना हो गए। बता दें कि दोनों ही भाई अपने पिता हिमांशु पंड्या (himanshu pandya) के बेहद करीब थे, उनकी मौत के बाद जैसे गमों का पहाड़ परिवार पर टूट पड़ा है। साल 2010 में भी उन्हें हार्ट अटैक आया था, तब से उनकी तबियत ठीक नहीं थी और 11 साल बाद एक फिर उन्हें हार्ट अटैक आया और इस बार उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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घर में पिता का साया होना बहुत जरूरी होता है। बच्चे चाहे कितने भी बड़े क्यों न हो जाए बाप की आशीर्वाद ही उनके लिए सबसे बड़ी सफलता होती है। लेकिन आज ये हाथ भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या के सिर से उठ गया।
जी हां, क्रुणाल पंड्या और हार्दिक पंड्या ने अपने परिवार के मुखिया और पिता को खो दिया। शनिवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनके पिता हिमांशु पंड्या का निधन हो गया।
दोनों ही भाई बड़ौदा के लिए सैय्यद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट में खेल रहे थे। पिता के निधन का समाचार मिलते ही हार्दिक और क्रुणाल अपने घर के लिए रवाना हो गए।
हिमांशु पंड्या हमेशा से ही अपने बच्चों को एक सफल क्रिकेटर बनाना चाहते थे, इसलिए फाइनेंस सेक्टर में नौकरी जाने के बाद भी वह पैसे बचा-बचाकर हार्दिक और क्रुणाल को क्रिकेट की कोचिंग दिलवाने ले जाते थे।
जब हार्दिक 5 साल के थे, तो उनके पिता का काम-धंधा चौपट हो गया था। पूरा परिवार एक टाइम के खाने के लिए भी मोहताज हो गया था। पैसों की तंगी के कारण हार्दिक और उनका परिवार एक टाइम मैगी खाकर गुजारा करते थे।
इतना ही नहीं घर आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते हार्दिक को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने सिर्फ नवीं क्लास तक पढ़ाई की है।
इन सबके बावजूद हार्दिक के पिता हिमांशु पंड्या (Himanshu Pandya)ने दोनों भाइयों का इंटरेस्ट क्रिकेट में देखते हुए उनका एडमिशन किरण मोरे की क्रिकेट एकेडमी में करा दिया। एक इंटरव्यू के दौरान हार्दिक ने बताया था कि शुरुआती दौर में उनके पास बैट खरीदने के पैसे तक नहीं थे। वह दूसरों से बैट मांगकर प्रैक्टिस किया करते थे।
बेटों की खेल के प्रति लगन को देखकर उनके पिता बड़ौदा से मुंबई शिफ्ट हो गए। यहां पर हार्दिक का खेल निखरा और 22 साल की उम्र में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया।
अपनी मेहनत से पैसा कमाकर हार्दिक और उनके भाई कुणाल पंड्या ने मुंबई में अपनी मां के नाम से एक फ्लैट खरीदा था। उनके पिता बेटों के इस अचिवमेंट से काफी खुश थे। हिमांशु पंड्या ने बताया था कि उन्हें बहुत खुशी है कि उनके दोनों बेटों ने मुंबई में अपना खुद का घर लिया है। मुंबई में ये हार्दिक पंड्या का पहला घर था।
हार्दिक और क्रुणाल अपने पिता को अपना आदर्श मानते थे। अपने पापा को खुश करने के लिए हार्दिक कुछ भी करने को तैयार रहते थे। साल 2017 में जब हार्दिक श्रीलंका दौरे पर थे, तब क्रुणाल अपने पापाजी को बिना बताए कार के एक शोरूम में ले गए। उस समय हार्दिक क्रुणाल के साथ फोन पर वीडियो चैट पर थे। वहां उन्होंने लाल रंग की एक गाड़ी दिखाकर पूछा कि ये आपको कैसी लगी तभी शोरूम का मैनेजर वहां आकर बोला कि भाईसाहब ये कार आपकी ही है। हार्दिक ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था।