सामने आई सचिन तेंदुलकर की दरियादिली, 6 राज्यों के 100 गरीब बच्चों का कराया इलाज
स्पोर्ट्स डेस्क : एक क्रिकेटर और एक नेकदिल इंसान के तौर पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को हमेशा एक लीजेंड के तौर पर ही देखा गया है। 24 साल लंबे क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने कई करिश्माई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी वो लोगों के लिए कुछ न कुछ नेक काम करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने कोरोना महामारी के बीच छह राज्यों में कमजोर तबके के 100 बच्चों के इलाज में मदद की। उन्होंने ‘एकम’फाउंडेशन के साथ महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बच्चों के इलाज में मदद की है। उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद की है जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और उनका परिवार उपचार का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं।
| Published : Dec 01 2020, 11:28 AM IST / Updated: Dec 01 2020, 11:57 AM IST
- FB
- TW
- Linkdin
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी फैंस का प्यार उनके लिए कम नहीं हुआ है। वह भी अपने फैंस के लिए समय-समय पर कुछ न कुछ करते रहते हैं।
हाल ही में सचिन ने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के उन बच्चों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाएं है, जो अपना इलाज करवा पाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने इन राज्यों के 100 से ज्यादा बच्चों के इलाज का खर्च उठाया है।
एकम फाउंडेशन के मैनेजिंग पार्टनर अमिता चटर्जी ने कहा, 'सचिन तेंदुलकर के माध्यम से उनकी संस्था कई लोगों की मदद कर पा रही है और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सचिन ने बहुत अच्छा काम किया है'। बता दें कि एकम एसोसिएशन दलितों के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवा देने की दिशा में काम करती है।
इतना ही नहीं इससे पहले सचिन ने इस महीने की शुरूआत में भी असम के माकुंदा अस्पताल में शिशु रोग विभाग में कुछ मेडिकल उपकरण दिए थे जिससे हर साल दो हजार से अधिक बच्चों को फायदा होगा ।
अभी हाल ही में 14 नवंबर को तेंदुलकर ने विश्व बाल दिवस पर यूनिसेफ के साथ एक पहल में भाग लिया था, जिससे बच्चों को दुनिया के भविष्य को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
जिस समय पूरे देश में लॉकडाउन लगा था, उस वक्त भी सचिन तेंदुलकर ने कोरोना वायरस महामारी से परेशानी का सामना कर रहे 4,000 गरीब लोगों की आर्थिक मदद की थी। उन्होंने ये दान मुंबई की गैर सरकारी संगठन 'हाई 5' को दिया था।