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बचपन में उठा पिता का साया; सौरव, धोनी के साथ खेला क्रिकेट, ऐसा है 'बिहार के लाला' का दिल्ली तक सफर
नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मनोज तिवारी एक बार फिर चर्चा में हैं। इसका कारण है, आम आदमी पार्टी का कैंपेन सॉन्ग। दरअसल, इसमें मनोज तिवारी के एक पुराने डांस वीडियो को एडिट करके 'लगे रहो केजरीवाल' गाना लगाया गया है। इसे लेकर भाजपा और आप एक दूसरे के आमने सामने आ गई हैं। भाजपा ने इस वीडियो को लेकर आप की शिकायत चुनाव आयोग में की साथ ही 500 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भी भेजा है। ऐसे में हम आपको मनोज तिवारी के करियर के बार में बता रहे हैं।
| Published : Jan 13 2020, 06:29 PM IST
बचपन में उठा पिता का साया; सौरव, धोनी के साथ खेला क्रिकेट, ऐसा है 'बिहार के लाला' का दिल्ली तक सफर
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मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे पूर्वांचल से हैं, दिल्ली में यहां के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। भाजपा ने अब तक अपना सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया, ऐसे में भाजपा उन पर भी दांव खेल सकती है। इसका संकेत चुनाव से पहले ही केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने दे दिया था। हरदीप पुरी ने एक कार्यक्रम में कहा था, भाजपा दिल्ली में मनोज तिवारी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी और हम सब उन्हें सीएम बनाकर ही दम लेंगे। हालांकि, इस बयान से वे बाद में पलट गए, उन्होंने कहा, यह उनकी निजी राय थी।
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मनोज तिवारी का जन्म 1 फरवरी 1971 को बिहार के अतरवालिया गांव में हुआ था। बचपन में ही उनके पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद से सारी जिम्मेदारी मनोज तिवारी पर ही आ गई। मनोज तिवारी ने कई लेवल पर क्रिकेट भी खेला। वे क्लब लेवल पर महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली के साथ भी क्रिकेट खेले हैं।
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मनोज तिवारी को भोजपुरी गाना गाने का भी शौक था। इन गानों ने ही उन्हें भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का अमिताभ बच्चन बना दिया। भोजपुरी फिल्मों में तिवारी ने बतौर सिंगर एंट्री मारी थी, इसके बाद उन्होंने एक्टिंग की, म्यूजिक डायरेक्शन में हाथ आजमाया। देखते ही देखते वे सुपरस्टार बन गए।
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मनोज तिवारी ने 'ससुरा बड़ा पैसावाला' के बाद, 'बंधन टूटे न;, 'दरोगा बाबू आई लव यू', 'दामाद जी', 'भोजपुरिया डॉन' जैसी कई फिल्में कीं। 'जियो रे बिहार के लाला, जूड़ा पर लगाके जाली बगल वाली जान मारेली जैसे कई गाने काफी फेमस हुए।
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मनोज तिवारी की हार के साथ राजनीति में एंट्री हुई। वे 2009 में सपा के टिकट से गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़े। हालांकि, योगी आदित्यनाथ के सामने वे टिक नहीं पाए। 2011 में वे भाजपा में शामिल हो गए।
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उन्होंने 2014 में दिल्ली नॉर्थ ईस्ट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। इसके बाद 2019 में उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित को मात दी। 2016 में पार्टी ने उन्हें दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।