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क्या कानपुर में कोविड वैक्सीन का टीका लगवाकर 40 छात्र हुए बीमार? FACT CHECK में जानें वायरल न्यूज क्लिप का सच्
फैक्ट चेक डेस्क. भारत में कोविड वैक्सीन के टीकाकरण की सफल शुरुआत हो चुकी है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर विदेशों में भी केंद्र सरकार की जमकर तारीफ हुई। वैक्सीन को लेकर अब सोशल मीडिया पर एक न्यूज़ पेपर क्लिप वायरल हो रही है। इसमें लिखा है कि कानपुर में टीकाकरण के बाद लगभग 40 छात्र अस्पताल में भर्ती हुए। इस पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये छात्र कोरोना वायरस के टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती हुए।
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फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है? क्या वाकई कहीं कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट बाद छात्रों की हालत बिगड़ी है?
वायरल पोस्ट क्या है?
अखबार की हेडलाइन में लिखा था, “कानपुर में टीकाकरण के बाद 40 छात्रों को भर्ती कराया गया” सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के साथ नाम के यूजर ने लिखा “Soon after injected covid-19 vaccine in india” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “भारत में कोरोना वायरस के टीकाकारण के बाद।”
फैक्ट चेकिंग
भारत ने दो टीकों को मंजूरी दी है। भारत बायोटेक के कोवाक्सिन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका के कोविशिल्ड।
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने शनिवार को अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया और कुल 2,07,229 लोगों को टीका लगाया गया, जो दुनिया में सबसे अधिक दिन एक टीकाकरण संख्या है। अखिल भारतीय टीकाकरण अभियान के दूसरे दिन, लगभग 17,072 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने छह राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और मणिपुर) के लगभग 553 वैक्सीन केंद्रों पर कोरोनोवायरस वैक्सीन लगायी गयी।
ख़बरों के अनुसार टीकाकरण के बाद तबीयत खराब होने के कुल 447 मामले सामने आए हैं। हालांकि, हमें कहीं भी 40 छात्रों के अस्पताल में भर्ती होने की पुष्टि करने वाली कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली।
मीडिया के किसी भी आउटलेट ने हाल में ऐसी कोई भी खबर प्रकाशित नहीं की गई।
खोजने पर हमें 30 नवंबर 2018 को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित वायरल लेख मिला। खबर के अनुसार, कानपुर में तीन स्कूलों के 40 से अधिक बच्चों को खसरा और रूबेला टीकाकरण के बाद बुखार, सिरदर्द और पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह क्लिपिंग 2 साल पुरानी एक घटना की है जिसे अब कोरोना जोड़कर शेयर किया गया।
ये निकला नतीजा
पड़ताल में साफ है कि वायरल पोस्ट फर्जी है। साल 2018 की एक खबर को कोरोना वैक्सीन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। रूबेला टीकाकरण के बाद ये छात्र अस्पताल में भर्ती हुए थे।