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'PUB-G पर बैन भारत की अर्थव्यवस्था को और ले डूबेगा' क्या अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने दिया ये बयान?
फैक्ट चेक डेस्क. Amartya Sen on PUB-G: नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत में धर्मनिरपेक्षता खतरे में है। इससे पहले भी वह भाजपा सरकार की नीतियों पर कई बार सवाल उठा चुके हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमर्त्य सेन ने भारत सरकार के पबजी मोबाइल गेम पर रोक लगाने के फैसले को देश की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह बताया है। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि क्या वाकई ये सच है?
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भारत सरकार ने 1 सितंबर को पब्जी समेत कई चीनी एप्लीकेशन्स पर बैन लगा दिया था। इससे पहले भी टिक-टॉक सहित करीब 47 एप्स प्रतिबंधित कर दिए गए। अब सोशल मीडिया पर इसको लेकर नया बवाल मचाया जा रहा है।
वायरल पोस्ट क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल एक दावे में कहा जा रहा है, “पबजी पर रोक लगाने से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा- अमर्त्य सेन...अमर्त्य किस देश की बात कर रहे हैं? चीन की, जिसे 14 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ?”
यह दावा फेसबुक पर काफी वायरल है। खबर लिखे जाने तक ऐसी ही एक फेसबुक पोस्ट पर तकरीबन 2000 लोग रीएक्शन दे चुके थे।
त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भी अमर्त्य सेन के इस बयान पर आधारित एक मीम के जरिये उन पर तंज कसा था।
फैक्ट चेक
इस मामले की हकीकत का पता लगाने के लिए हमने कीवर्ड सर्च के जरिये यह खोजा कि क्या अमर्त्य सेन ने पबजी गेम को लेकर ऐसा कोई बयान दिया है। हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें उनके हवाले से इस तरह की बात कही गई हो। अगर उनके जैसा नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री इतना बड़ा बयान देगा, तो जाहिर है, उस पर देश-विदेश के मीडिया में चर्चा जरूर होगी। लेकिन हमें ऐसी कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली।
चीन के नुकसान के दावे में कितनी है सच्चाई
यह सच है कि भारत में पबजी मोबाइल गेम पर रोक लगने के बाद चीनी कंपनी टेंसेंट के शेयर तकरीबन दो प्रतिशत गिरे थे। कुछ वेबसाइट्स के मुताबिक, इस कंपनी को तकरीबन 14 बिलियन डॉलर का नुकसान भी हुआ था। टेंसेंट वो कंपनी है जो भारत में पबजी मोबाइल गेम का डिस्ट्रिब्यूशन देख रही थी।
ये निकला नतीजा
इससे पहले भी एक बार अमर्त्य सेन से जुड़ा एक फर्जी दावा वायरल हुआ था। दावे में उनके हवाले से कहा जा रहा था कि मोदी का शपथ ग्रहण समारोह देखने से बेहतर वह कार्टून देखना पसंद करेंगे। तब भी फैक्ट चेक में उनके नाम वायरल हुआ ये दावा फर्जी निकला था।