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गाय ने तेंदुए को पाला बड़े होकर भी आता है गौमाता से मिलने, तस्वीर देख गदगद हो उठे लोग, जानें सच
नई दिल्ली. हाल ही में केरल में गर्भवती हथिनी की दर्दनाक मौत के बाद से ही सोशल मीडिया पर जानवरों और उनसे संवेदना जताते हुए तमाम पोस्ट शेयर हो रही हैं। इसी बीच एक गाय और तेंदुए की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में गाय को तेंदुए को दुलारते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ एक भावनात्मक कहानी लिखी गई है, साथ ही यह भी दावा किया गया है कि ये तस्वीरें असम में खींची गई हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गाय ने एक बिन मां के शावक को पाला और उसे दुलार किया। बड़ा होकर भी ये तेंदुआ गौमाता से मिलने आता है। तस्वीरें देख लोग हैरान हैं और इन्हें धड़ाधड़ शेयर कर रहे हैं।
फैकट चेकिंग में हमने तस्वीरों और उसके साथ वायरल हुई कहानी की सत्यता जांचने की कोशिश की-
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फेसबुक यूजर “Khurshid Mistry” ने ये तस्वीरें शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन लिखा, जिसका हिंदी अनुवाद है: “तस्वीरें असम में ली गई हैं, एक आदमी ने पास ही गांव से एक गाय खरीदी थी, लेकिन गाय आने के बाद हर रात गांव में कुत्ते बेहिसाब भौंकते थे। आदमी को लगा शायद लॉकडाउन का फायदा उठाने के लिए कोई चोर आते हैं।
सच्चाई जानने के लिए उसने सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए, वह इन तस्वीरों को देख कर चौंक गया, इसके बाद उसने जिससे गाय खरीदी थी उसके पास गया, तो उसने बताया कि यह तेंदुआ 20 दिन का था जब इसकी मां को मार दिया गया था, वह इसे गाय के पास ले आया जिसने इसे ममता दिखाई और पाला। जब तेंदुआ बड़ा हो गया तो उसे जंगल में छोड़ दिया गया, लेकिन यह तेंदुआ हर रात गाय से मिलने आता है ताकि उसका दुलार पा सके।”
फैक्ट चेकिंग
वायरल तस्वीरों का सच जानने के लिए जब हमने इसे रिवर्स सर्च किया तो हमें एक वेबसाइट पर छपे आर्टिकल में यही तस्वीरें मिल गईं। आर्टिकल के अनुसार, यह घटना साल 2002 की है और गुजरात के वडोदरा जिले के अंतोली गांव की है।
हमें साल 2002 में टाइम्स ऑफ इंडिया में छपा एक आर्टिकल भी मिला, जिसमें गाय और तेंदुए की इन मुलाकातों के बारे में बताया गया है। हालांकि, दोनों ही रिपोर्ट्स में कहीं भी वायरल पोस्ट के साथ बताई गई भावनात्मक कहानी की पुष्टि नहीं हुई।
मीडिया रिपोर्ट में वडोदरा में वन संरक्षक एचएस सिंह ने बताया कि कई बार जानवरों में इस तरह का बर्ताव देखने को मिलता है। गाय और तेंदुए के इस केस में ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि यह तेंदुआ ग्रामीण इलाके में ही रहता था और जंगल के माहौल से दूर था।
सच क्या है?
वायरल हो रही तस्वीरें 18 साल पुरानी हैं। साल 2002 में यह तस्वीरें गुजरात के वडोदरा जिले के अंतोली गांव में ली गई थीं। हालांकि, वायरल पोस्ट के साथ बताई जा रही भावनात्मक कहानी झूठी है।
ये निकला नतीजा
पड़ताल में यह साफ हुआ कि ये तस्वीरें न केवल 18 साल पुरानी घटना की हैं, बल्कि ये घटना असम नहीं, बल्कि गुजरात की थी। दूसरी ओर, वायरल पोस्ट के साथ साझा की जा रही कहानी का भी कोई आधार नहीं है।