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Fact Check: जब आसमान में दिखे एक साथ 2-2 सूरज’, ‘हंटर्स मून’ का नजारा हुआ वायरल, जानें सच
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वायरल पोस्ट क्या है?
भाजपा के सांसद डॉ. सत्य पाल सिंह ने इस कोलाज को शेयर करते हुए यही दावा किया है। 23 जून 2020 को ट्वीट किये गए इस कोलाज को आर्टिकल लिखे जाने तक 1,400 बार रीट्वीट और 5,600 बार लाइक किया गया है। अभिनेता और पूर्व सांसद परेश रावल ने डॉ. सत्य पाल सिंह के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए “वाओ!” लिखा है।
क्या दावा किया जा रहा है?
हमने पाया कि इस कोलाज को एक कॉमन मेसेज के साथ शेयर किया जा रहा है – “ अमेरिका और कनाडा के बॉर्डर पर एक साथ दो सूरज दिखाए है। एक सूरज है लेकिन दूसरा चांद है। ये घटना मून हंटर्स के नाम से जानी जाती है। जब पृथ्वी अपनी दिशा बदलती है तो चांद सूरज के सामने आ जाता है। कैसा अद्भुत नजारा है। ”
इस कॉमन मेसेज के साथ ये तस्वीरें ट्विटर और फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर हो रही है। ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर भी इस कोलाज की सत्यता जांचने के लिए कई रीक्वेस्ट आई हैं।
फ़ैक्ट-चेक
जांच में हमने पाया कि ये कोलाज तकरीबन 2015 से ही इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर चक्कर लगा रहा है। इसके अलावा, वायरल मेसेज में कई तरह के दावे किये गए हैं जिनकी सच्चाई हम बारी-बारी से आपके सामने रखेंगे।
क्या तस्वीरों में दिखाई दे रही घटना को ‘मून हंटर’ कहा जाता है?
इस बारे में सर्च करने पर हमें मालूम हुआ कि आसमान में इस अद्भुत नज़ारे की इस घटना को ‘हंटर्स मून’ कहा जाता है न कि ‘मून हंटर’ आइए आपको बताते हैं कि ‘हंटर्स मून’ हकीकत में क्या है? 3 जून 2015 के ‘यूनिवर्स टुडे’ के आर्टिकल में बताया गया है कि ‘हंटर्स मून’ सर्दी की शुरुआत में यानी कि अक्टूबर महीने में दिखाई देने वाले पूर्ण चांद को कहा जाता है। ‘हंटर्स मून’ आम तौर पर उत्तरी गोलार्ध में देखने को मिलता है। इसके अलावा, ‘हंटर्स मून’ के बाद वाली पूर्णिमा के चांद को ‘हार्वेस्ट मून’ कहा जाता है।
कहानियों के अनुसार ‘हंटर्स मून’ के दिन किसान और शिकारी अपने काम को पूरा करते हैं ताकि वो सर्दियों के लिए खाना जमा कर सकें। इसलिए इस रात के चांद को ‘हंटर्स मून’ कहा जाता है। ‘हंटर्स मून’ और ‘हार्वेस्ट मून’ की रात आम पूर्णिमा की रात से ज़्यादा रोशन होती है।
‘हंटर्स मून’ एक खगोलीय घटना है। दरअसल, रोज़ाना चांद सूर्यास्त के 50 मिनट बाद उदय होता है लेकिन ‘हंटर्स मून’ सूरज के अस्त होने के 30 मिनट के भीतर ही आ जाता है। इसके पीछे का कारण है पृथ्वी और चांद के बीच हर वर्ष, इस रोज़ बनने वाला एक कोण, वर्ष के इस हिस्से में यानी कि सर्दियों से पहले, चांद के परिक्रमा पथ में बदलाव होता है। इस वजह से चांद और सूर्य के बीच एक संकरा कोण बनाता है। यही कारण है कि इस दिन आसमान में रोशनी आम दिनों से ज़्यादा देखने को मिलती है। ‘हंटर्स मून’ ज़्यादा बड़ा और रोशनी से भरा हुआ दिखता है लेकिन वो असल में हर रोज़ दिखने वाले चांद के जितना ही होता है. इस घटना को आप नीचे दिए गए इन्फ़ोग्राफ़िक के ज़रिये भी समझ सकते है।
सर्च करने पर हमने पाया कि अभी हाल ही में अमरीका-कनाडा बॉर्डर पर हाल ही में ‘हन्टर्स मून’ देखने को नहीं मिला है। इसके अलावा, आपको बता दें कि पिछले साल ‘हंटर्स मून’ 13 अक्टूबर 2019 में दिखाई दिया था और अब अगला ‘हंटर्स मून’ अक्टूबर 2020 में देखने को मिलेगा।
‘AFP’ ने 6 जून 2019 को इस कोलाज के बारे में एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पब्लिश किया था। ट्विटर पर एक यूज़र ने इस रिपोर्ट पर कमेन्ट करते हुए बताया कि कोलाज में पहाड़ों के बीच 2 सूरजों वाली तीसरी तस्वीर असल में स्टार ट्रेक सीरीज़ के सीज़न 5 के एक एपिसोड का दृश्य है।
ये निकला नतीजा
इसके अलावा, कोलाज में दिखने वाली बाकी की तस्वीरें 2015 की हैं या फ़िर इससे भी पुरानी। इस तरह तकरीबन 2015 से सोशल मीडिया में मौजूद तस्वीरें शेयर करते हुए सांसद डॉ. सत्य पाल सिंह ने दावा किया कि अमेरिका में हाल में ‘मून हंटर’ देखने को मिला है। इसके अलावा, ‘हंटर्स मून’ की घटना को लेकर भी कई तरह के ग़लत दावे किये गए हैं। ये दावे 2015 से ही सोशल मीडिया में चल रहे हैं। हमारा अपने पाठकों से अनुरोध है किसी भी ऐसे दावे पर यकीन न करते हुए इसके बारे में सही जानकारी जान लेनी चाहिए।