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UP के मुस्लिम युवक ने दलित के हाथों बने भोजन को खाने से किया इनकार, दावा सच्चा है या फर्जी
नई दिल्ली . सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इसमें एक स्कूल में क्वारंटीन किए गए युवक द्वारा टेबल पर रखे भोजन को लात मारकर गिरा दिया जाता है। खाना बनाने वाली महिला को भला-बुरा कहते हुए टेबल पर लात मारकर उसे गिराया जाता है। 21 मई को एक ट्विटर यूजर श्रीकांत ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा कि “शिराज अहमद और भुजौली कुर्द ने दलित महिलाओं द्वारा एक क्वारंटाइन सेंटर में बनाए गए भोजन को खाने से इंकार करते हैं। यही नही दोनों भला-बुरा कहते हुए खाने को लात मारकर गिरा देते हैं। इस वीडियो को 1,800 से अधिक बार रीट्वीट किया गया और 5 लाख बार देखा गया। वायरल होने के बाद हमने इस वीडियो की जांच पड़ताल करके सच्चाई जानने की कोशिश की।
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21 मई को संदीप साई नाम के फेसबुक यूजर ने इसी दावे के साथ वीडियो पोस्ट किया। इसे अब तक 1,100 से अधिक बार शेयर किया गया है।
एलेक्स अम्बेडकर नाम के एक अन्य ट्विटर हैंडल से 20 मई को यही वीडियो पोस्ट किया और कहा कि मेधावी लोग दलित महिला द्वारा पकाया गया खाना खाने से इनकार कर रहे हैं। यहाँ 'मेधावी' शब्द का प्रयोग उच्च जाति के हिंदुओं के लिए किया जाता है। वीडियो को 5,000 से अधिक बार रीट्वीट किया गया और 4 लाख से अधिक बार देखा गया।
फैक्ट चेकिंग में आज हम बताएंगे कि क्वारंटाइन सेंटर में दलित महिला द्वारा बनाए गए भोजन को लात मार कर गिराने की सच्चाई क्या है। क्या वास्तव में एक समुदाय के दो युवकों ने दलित महिला के हांथ का बना भोजन खाने से इंकार किया ? या फिर भोजन गिराने वाले लोग किसी ने समुदाय से हैं।
क्या है सच ?
हमने जब गूगल पर corona food kicked कीवर्ड पर सर्च किया तो हमें एक हिंदी अख़बार की 18 मई एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक प्रवासी मजदूर ने भोजन को लात मारी और उस महिला के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसने इसे बिहार के मधुबनी जिले के मधवापुर ब्लॉक के एक स्कूल में स्थापित क्वारंटाइन सेंटर में तैयार किया था। हालांकि, रिपोर्ट में दलित समुदाय की महिला के बारे में बात नहीं की गई। इसमें कहा गया है कि स्टाफ के सदस्यों ने प्रवासी मजदूरों से कहा था कि वे भोजन करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इससे कुछ लोग नाराज हुए और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हुए खाना नीचे गिरा दिया।
वहीं दूसरी ओर अन्य न्यूज वेबसाइट में इससे सम्बंधित खबर मिली। ये मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के भुजौली खुर्द गांव से सम्बंधित था। इसमें दलित समुदाय से आने वाली महिला प्रधान लीलावती देवी द्वारा बनाए गए भोजन को क्वारंटीन सेंटर में रह रहे सिराज नाम के व्यक्ति ने खाने से इंकार किया और लीलावती से अभद्रता की। जिसके बाद पुलिस ने सिराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा।
ये निकला नतीजा
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उत्तर प्रदेश की एक घटना के रूप में बिहार से जुड़ा एक वीडियो पोस्ट किया। जबकि ये दो अलग-अलग घटनाएं हैं। बिहार की घटना का कोई दलित एंगिल नहीं है। उत्तर प्रदेश की घटना में, एक मुस्लिम व्यक्ति ने एक दलित महिला द्वारा पकाया गया खाना खाने से इनकार कर दिया था। लेकिन वीडियो उत्तर प्रदेश का नही है।