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जब मुकेश अंबानी के नाम फर्जी इन दावों से निशाने पर आईं नीता अंबानी, सुनने को मिला ये सब
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मुकेश अंबानी के नाम कई चौंकाने वाले दावे हुए हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने इनको सच भी मान लिया लेकिन फैक्ट चेकिंग में इन फर्जी दावों की सच्चाई सामने आ गई। सांप्रदायिक मैसेज को लेकर नीता अंबानी को खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी।
दावा नंबर 1- योगी आदित्यनाथ और मुकेश अंबानी की यह फोटो कई यूजर्स फेसबुक पर वायरल की। कुछ यूजर्स ने अंबानी परिवार की फोटो भी इस कैप्शन के साथ शेयर की। दावा किया गया कि अंबानी ने राम मंदिर के लिए 500 करोड़ दान किए। कुछ ने लिखा कि 'तिरूपति बालाजी मंदिर देगा एक अरब रुपए'।
वायरल पोस्ट के साथ लिखा था कि 'अंबानी परिवार ने दिया राम मंदिर निर्माण हेतू 500 करोड़ रुपए....जय श्रीराम'।
सच क्या है?
गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि मुकेश अंबानी और योगी आदित्यनाथ की जो तस्वीर वायरल की गई थी वो 2017 की है। दैनिक जागरण ने इस फोटो 23 दिसंबर 2017 को एक आर्टिकल में प्रकाशित किया था। यूपी में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के पहले मुंबई में योगी आदित्यनाथ और मुकेश अंबानी की मुलाकात हुई थी, यही तभी की फोटो है। उसी दिन इस फोटो प्रकाशित करते हुए आर्टिकल लिखा था।
दावा नंबर 2-
कई मोबाइल ऑपरेटर्स ने टैरिफ हाइक किया था, जिसके चलते रिचार्ज की कीमतों में भारी इजाफा हो गया था। ऐसे में इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप पर एक लिंक के साथ मैसेज वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ग्राहकों को गिफ्ट कार्ड देगी। वायरल मैसेज में लिखा, 'जियो कंपनी के रिचार्ज दाम बढ़ाने से ग्राहकों को हो रही परेशानी को देखते हुए मुकेश अंबानी जी ने अपने सभी ग्राहकों को 555 रुपए का रिचार्ज फ्री गिफ्ट में देने का वादा किया है, नीचे नीले लिंक पर क्लिक करके अपना फ्री रिचार्ज करें। अगर आप अपना रिचार्ज करा चुके हैं तो भी इस ऑफर का लाभ उठाएं, आपका पहले का रिचार्ज खत्म होने के बाद ये रिचार्ज हो जाएगा।'
सच क्या है?
जब मामले की पड़ताल की गई तो दावा गलत निकला। हमने जियो कंपनी के एक अधिकारी से इस संबंध में बात की तो उन्होंने खबर को फर्जी बताया। साथ ही उन्होंने इस तरह से वायरल हो रहीं लिंक को लेकर चेतावनी भी दी। उन्होंने बताया कि इस तरह की लिंक पर क्लिक करना खतरनाक हो सकता है। अधिकारी के अनुसार कंपनी की वेबसाइट www.jio.com सभी ऑफर्स की जानकारी उपलब्ध है।
दावा नंबर 3
सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ कुछ पोस्ट्स शेयर किए जा रहे हैं कि मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी ने बेटे आकाश की शादी में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सेना को बुलाया था। इस दावे के साथ नीता अंबानी की वर्दी पहने कुछ अफसरों संग खींची तस्वीर को भी शेयर किया जा रहा है। पोस्ट में इस स्थिति के लिए आरएसएस और बीजेपी दोनों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
सच क्या है?
ग्राफिक कार्ड के ऊपरी हिस्से में जो तस्वीर है वह असली है लेकिन इसके साथ किया जाने वाला दावा गलत और भ्रामक है। असल में यह तस्वीर अंबानी परिवार द्वारा सशस्त्र बलों और मुंबई पुलिस के करीब 7 हजार जवानों के लिए आयोजित एक खास म्यूजिकल फाउंटेन शो के दौरान खींची गई थी। इन शो के लिए सेना, नौसेना, अर्द्धसैनिक बलों, मुंबई पुलिस, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के करीब 7 हजार जवानों को उनके परिवारों के साथ बुलाया गया था।
नीता अंबानी के नाम दावा 1
नीता अंबानी के नाम दावा किया जा रहा है वो अज़ान पर सवाल उठा रही हैं और ये सांप्रदायिक बयान उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर दिया है। वायरल ट्वीट में मेसैज कुछ इस प्रकार है: एक कौम 52 सेकंड का राष्ट्र गान नहीं सुन सकती...। और वो चाहते हैं की हम दिन भर में 5 बार 3 मिनट तक उनकी बेसुरी आवाज को सुनें वो भी माइक पर। इससे पहले इस बात पर आप भरोसा कर लें हम आपको इसकी सच्चाई बता रहे हैं।
दावा नंबर 2
सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के साथ दावा किया जा रहा है कि नीता अंबानी निजामुद्दीन के जमातियों को गाली मारने के आदेश देने की मांग कर रही हैं। उन्होंने सभी जमातियों को 10 घंटे में सरेंडर करने का समय मांगा और ऐसा न होने पर गोली मारने के आदेश दे दिए जाएं की बात कही। यह ट्वीट देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस ट्वीट को अब तक 5.4 हजार लोगों ने रीट्वीट कर दिया, जबकि 1.1 हजार लोगों ने नीता अंबानी के इस ट्वीट पर कमेंट्स किए इसके अलावा उनके इस ट्वीट को 22.4 हजार लोगों ने लाइक भी किया है। हालांकि इस ट्विटर अकाउंट पर हमे संदेह है।
सच क्या है?
इस ट्वीट की तर्ज पर " नीता अंबानी ", " ट्विटर " जैसे शब्दों को कीवर्ड सर्च करने पर यह पता लगा कि नीता अंबानी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट है ही नहीं। ये सांप्रदायिक बयान फर्जी अकाउंट से ट्वीट किया गया था, नीता अंबानी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था।
नीता अंबानी के नाम कई दावे और मैसेज किए जा चुके हैं। वो इस बारे में सफाई भी पेश कर चुकी है। अंबानी के नाम कई सारे विवादित बयान चर्चा में रहे हैं। उनके नाम से बनाए गए कई सारे फर्जी अकाउंट्स भी बंद करवाए गए।
तो देखा न आपने कि कैसे हमारे समाज में तेजी से फेक न्यूज वायरल हो रही हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों तक इसके सच को पहुंचाए। पढ़ें-लिख वर्ग को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि बिना जांचे परखे कोई खबर, वीडियो फॉरवर्ड न करें। आपकी एक गैर-जिम्मेदारना हरकत समाज की शांति को भंग कर सकती है। वहीं किसी भी खबर पर संदेह हो तो उसे किसी विश्ववसनीय जगह, संस्थान या लोगों से एक बार जरूर कंफर्म करें। आप खुद भी एक बार गूगल पर चेक कर सकते हैं।