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ये तस्वीर हरिद्वार में कुंभ की नहीं है, इसे वायरल कर आप से बोला जा रहा है बड़ा झूठ
कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार में लगे कुंभ से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही हैं। तस्वीरों में कुछ सही हैं तो कुछ कई साल पुरानी किसी दूसरे जगह की हैं। ऐसी ही एक वायरल तस्वीर के बारे में बताते हैं, जिसमें ढेर सारे साधुओं को स्नान करते हुए दिखाया गया है। साथ में कोरोना से जुड़ा बड़ा दावा किया जा रहा है, हालांकि ये पूरी तरह से झूठ है।
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वायरल तस्वीर और साथ में किए जा रहे दावे
साधुओं की स्नान करते हुए तस्वीर को व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। ट्विटर पर फोटो शेयर करते हुए हर्ष गोयनका ने व्यंग्यात्मक कैप्शन लिखा है। यही तस्वीर फेसबुक पर भी शेयर की जा रही है।
तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट कर इसे लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं।
फेसबुक से लिया गया कुछ स्क्रीन शॉट है, जिसमें साफ दिख रहा है कि एक ही पोस्ट पर तस्वीर को 80 से ज्यादा बार शेयर किया गया है।
वायरल तस्वीर का सच क्या है?
Yandex की मदद से रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि ये 2013 के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कुंभ मेले की है। तस्वीर के साथ 14 फरवरी 2013 का एक लेख भी मिला, जिसका शीर्षक था, 'महा कुंभ मेला: 100 मिलियन लोग दुनिया के सबसे बड़े त्योहार में शामिल हुए (MAHA KUMBH MELA: 100 MILLION ATTEND THE WORLD'S LARGEST FESTIVAL)। आर्टिकल में कहा गया था कि उन्होंने (लेखक) उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 2013 के कुंभ मेले का दौरा किया था। लेख के साथ एक और फोटो थी, जिसमें भक्त दिख रहे थे।
तस्वीर के साथ झूठ क्या बोला जा रहा?
ये तस्वीर साल 2013 में यूपी के प्रयागराज में लगे कुंभ मेले की है। लेकिन इसे झूठे दावे के साथ शेयर करते हुए हरिद्वार कुंभ का बताया जा रहा है।
13 अप्रैल 2021 को हुआ था शाही स्नान
कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार में 13 अप्रैल 2021 को कुंभ के तीसरे शाही स्नान के मौके पर भक्तों ने हर की पौड़ी घाट पर पवित्र स्नान किया। तभी से सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं। कुंभ भारत में चार अलग-अलग जगहों पर समय-समय पर आयोजित किया जाता है। नासिक, हरिद्वार, प्रयागराज और उज्जैन हिंदुओं के लिए सबसे बड़े धार्मिक समारोहों और एक प्रमुख तीर्थयात्रा में से हैं।