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Fact Check: कोरोना से नुकसान पर जर्मनी ने चीन को भेजा 130 बिलियन यूरो का बिल, सच्चाई क्या है?
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न्यूज एजेंसी ने डेली एक्सप्रेस की इस खबर को कई मीडिया हाउसेस में भेजा। उसके बाद लगभग हर जगह इसी हैडिंग से खबर चली। जिसमें कहा गया कि जर्मनी ने चीन पर कोरोना के कारण हुए नुकसान का बिल भेजा है।
भारत में भी कई जिम्मेदार लोगों ने इस खबर को ट्वीट किया। जिसे कई लोगों ने रिट्वीट भी किया।
लेकिन जब इस खबर की जांच की गई, तो पता चला कि ये न्यूज गलत है। डेली एक्सप्रेस की खबर की हेडिंग को गलत ढंग से पेश किया गया।
डेली एक्सप्रेस ने इस हेडिंग के साथ लिखे आर्टिकल की पहली लाइन में ही लिखा है, "जर्मनी के कारण चीन में आक्रोश है। ऐसा तब हुआ जब जर्मनी के टैब्लॉयड अखबार बिल्ड ने चीन को एक साथ £ 130 बिलियन का इनवॉइस भेज दिया। ये बिल वायरस द्वारा हुए नुकसान के आधार पर भेजा गया है।
इससे ये बात साफ हो जाती है कि बिल को जर्मनी ने नहीं, बल्कि जर्मन टैब्लॉयड अखबार ने भेजा था। इस खबर के हर तरफ फैलने के 25 घंटे बाद द एक्सप्रेस ने इसे सुधारा और हेडिंग में ही साफ़ कर दिया कि ये बिल जर्मन अखबार की तरफ से भेजा गया है।
बिल्ड ने 15 अप्रैल को ही ये खबर छापी थी। उसने एक इनवॉइस बनाया था, जिसमें कोरोना के कारण हुए नुकसान का जिक्र था। साथ ही लिखा था कि चीन का देश पर कोरोना के कारण इतना उधार है।
18 अप्रैल को जर्मन टीवी पर भी इस खबर को प्रसारित किया गया था। ये मीडिया हाउस जर्मनी को सुझाव दे रहे हैं कि चीन को नुकसान का बिल भेजना चाहिए, ना की ऐसा किया जा चुका है।
इस बिल में देश को हुए कई तरह के नुकसान का जिक्र है। कोरोना के कारण देश को टूरिज्म, फिल्म लाइन, एयरलाइन वगैरह में कितना नुकसान हुआ है, उसका ग्रैंड टोटल कर £ 130 की राशि तय की गई।
इस खबर पर पूरी तरह से स्पष्टीकरण करते हुए जर्मनी के फॉरेन मिनिस्टर हैको मॉस ने कहा कि ऐसा करना थोड़ा हास्यपद है। बिल्ड ने ऐसा किया है और देश का इससे कोई कनेक्शन नहीं है। ना ही जर्मनी ऐसा करने की सोच रहा है।