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कोरोना से ठीक होने के बाद क्या जरूरी है जांच करना? रिकवर के बाद इन 7 बातों का रखें ध्यान
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हल्के लक्षण वालों को
जिनेम हल्के या कोई लक्षण नहीं थे। उनके लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है। वे डाइट और ब्रीदिंग व्यायाम करें। धीरे-धीरे वीकनेस चली जाएगी। स्वाद वा गंध आने में कम से कम 2 से तीन हफ्ते का समय लग सकता है।
कमजोरी है तो
अधिक कमजोरी हो रही है तो हाई प्रोटीन डाइट लें। कोरोना संक्रमण के दौरान मसल्स को भी अदिक नुकसान होता है। कोशिकाओं की मरम्मत होती है।
बीपी होने पर
जिन्हें पहले से ब्लड प्रेशर या हार्ट की दिक्कत है या फिर जिनकी फैमली में हार्ट अटैक हो चुता है। उन्हें भी डॉक्टर को दिखाकर खून पतला करने और कोलेस्ट्राल के लिए दवा लेनी चाहिए।
हाथ-पैर में दर्द
14 दिन के आइसोलेशन में रहने के बाद ऐसा होता है। इसमें विटामिन ए, बी कॉम्पलेक्स व सी सी लेना चाहिए। एक माह तक फोलिक एसिड लेनी चाहिए गंभीर रोगियों को तीन माह तक भी दें।
हार्ट पर असर
जिन्हें रिकवरी के बाद भी कुछ कदम चलने पर सांस लेने में तकलीफ हो रही है लेकिन ऑक्सीजन का स्तर सही है तो आपके हार्ट पर असर हुआ है। एक्सपर्ट की सलाह पर ईसीजी-इको करवाएं।
सांस की दिक्कत
सांस की परेशानी के कारण जो ऑक्सीजन थैरेपी और वेंटिलेटर पर थे उनके फेफड़ों को भी नुकसान संभव है। निगेटव होने के 15 दिन तक अपना लगातार ऑक्सीजन का लेवल चेक करते रहें। डॉक्टरी सलाह लेते रहें और 3 से 4 बार ब्रीदिंग व्यायाम करें।
शुगर की समस्या
कोरोना से शुगर अनियंत्रित हो जाती है। ऐसे लोग डॉक्टर को दिखाकर नई दवा शुरू करवाएं। शुगर नियंत्रित रखें। शुरू के तीन महीने विशेष ध्यान रखें। सप्ताह में एक बार शुगर की जांच कराएं।
Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें मास्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona