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क्या है Multisystem Inflammatory Syndrome, जिसकी चपेट में आ रहे हैं बच्चे, इस तरह करें बचाव
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क्या होता है मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम
कोरोना वायरस के कहर से जहां दुनिया जूझ रही है, वहीं अब एक और नई बीमारी बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है। ये बीमरी है मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि लक्षणों पर आधारित एक सिंड्रोम है, जिसमें बच्चों के दिल, फेफड़े, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखों में इंफेक्शन और सूजन देखी गई है।
कैसे करें MIS-c की पहचान
एमआईएस-सी के लक्षणों में सूजन का अलावा बुखार आना, सांस लेने में परेशानी होना, पेट में दर्द और त्वचा और नाखूनों का नीला पड़ना हैं। ऐसे किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर आपको खास ध्यान देने की जरूरत हैं। अगर बच्चों का कोविड -19 टेस्ट नेगटिव आया हो और उनमें ये लक्षण दिखाई दें, तो ये मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम होने के संकेत हो सकते हैं।
कोरोना मरीजों के घर के बच्चों में मिले लक्षण
महाराष्ट्र में कोविड से ठीक हुए परिवारों में बच्चों मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के लक्षण दिखाई दिए हैं। एमआईएस-सी के लक्षण दिखाने के बाद बाल रोग विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) यवतमाल के अध्यक्ष डॉ संजीव जोशी ने बताया कि जिन परिवारों में कोरोनावायरस के लिए पॉजिटिव रिजल्ट मिला है, उनमें बाद में 'कोविड एंटीबॉडी' का निर्माण होता है, इस समय बच्चों को एमआईएस-सी हो सकता है।
नागपुर के अलावा यहां मिले केस
अभी तक नागपुर के अलावा यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा से ऐसे मामले सामने आए हैं। माता-पिता जो हाल ही में कोविड से ठीक हुए हैं, उन्हें सलाह दी गई है कि वे अपने बच्चों में शुरुआती 1 महीने में लक्षणों की नजर रखें।
बच्चों से बनाएं दूरी
बड़ों में कोरोना वायरस ठीक होने के बाद भी उन्हें 15-20 दिन तक आइसोलेट रहना चाहिए। बच्चों के पास जाते समय मास्क पहनना और उनसे सामान्य से ज्यादा दूरी बनाए रखना जरूरी है।
बच्चों के खान-पान में बरते सावधानी
बच्चों के खाने में विटामिन-सी को शामिल करें। खाने में खट्टे फल, जिंक से भरपूर भोजन बच्चों को कराएं। बच्चों को पैकेट बंद खाना जैसे चिप्स और कोल्ड ड्रिंक देने से बचें। ऐसे खाने में फैटी एसिड, चीनी और नमक की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा उन्हें दूध और प्रोटीन भरपूर मात्रा में दें।