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धरती पर गिरने से पहले बिजली देती है एक संकेत, देखिए वज्रपात की कुछ हैरान करने वालीं तस्वीरें
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आकाशीय बिजली एक इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज है। पानी के जो कण बादलों में ऊपर चले जाते हैं, तो वहां तापमान कम होने से पॉजिटिव चार्ज में बदल जाते हैं। वहीं, जो भारी कण नीचे रह जाते हैं। ये तापमान अधिक होने से निगेटिव चार्ज में बदल जाते हैं। जब ये दोनों आपस में टकराते हैं, तो बिजली कड़कती है। हालांकि ज्यादातर डिस्चार्ज बादलों में ही बनकर खत्म हो जाता है। कुछ ही धरती पर गिरता है। यह तस्वीर अमृतसर की है। स्वर्ण मंदिर के ऊपर से गरजती बिजली। 29 अप्रैल, 2012।
जब बादल जोरदार तरीके से गरज रहे हों, तो आपको अलर्ट रहना होगा। यह बिजली गिरने का संकेत होता है। ऐसी हालत में आप घर के अंदर रहें। या किसी गाड़ी के अंदर बैठ जाएं। यानी सीधे बिजली और धरती के संपर्क में नहीं रहें। अगर बाहर हैं, तो दुबकर घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने हाथ घुटनों पर रखें। सर भी घुटनों में घुसा लें। इससे आपका जमीन से संपर्क कम होगा। यह तस्वीर 6 अप्रैल, 2018 की है। जगह नई दिल्ली।
जब बिजली कड़क रही हो, तो छतरी या मोबाइल फोन का इस्तेमाल कतई न करें। धातुओं पर बिजली गिरती है। यह तस्वीर 17 अप्रैल, 2020 की है। जगह नई दिल्ली।
यह तस्वीर 1 जून, 2015 की है। जगह नई दिल्ली।
यह तस्वीर श्रीनगर की है। तारीख 15 अगस्त, 2016।
यह तस्वीर जयपुर की है। तारीख 19 मई, 2017
यह तस्वीर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस की है। तारीख 6 जुलाई, 2012।
यह तस्वीर मुंबई की है। तारीख 27 सितंबर, 2018।
यह तस्वीर इंग्लैंड की है। तारीख 21 जुलाई, 2013।