ऐसी है हिंद की सेना, पाकिस्तान छोड़िए, अच्छे-खासों को चटा सकती है धूल
| Published : Aug 13 2019, 05:04 PM IST / Updated: Aug 13 2019, 05:33 PM IST
ऐसी है हिंद की सेना, पाकिस्तान छोड़िए, अच्छे-खासों को चटा सकती है धूल
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झारखण्ड: भारतीय सेना के तीन भाग हैं: थलसेना, जलसेना और वायुसेना। भारतीय सेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। संख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना में जवानों की संख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे ज्यादा है। जब भी देश पर कोई संकट आया है हमारी भारतीय सेना हमेशा आगे आकर लोगों की मदद की है और उनकी जान बचाई है। उनकी वजह से हम अपने घरों में निश्चिन्त और सुरक्षित रहते हैं। लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिनसे हम अनजान हैं।आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही सुने-अनसुने किस्सों के बारे में:-
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भारतीय नौसेना द्वारा केरल में बनाया गया ऐझीमाला नौसेना अकादमी पूरे एशिया का सबसे बड़ा सेना प्रशिक्षण अकादमी है।
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इंडीयन आर्मी की स्थापना वर्ष 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी|
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1971 की लड़ाई में अमेरिका ने पाकिस्तान की हार देखते हुए उसकी मदद के लिए अपना समुद्री जहाज में भेज दिया था। लेकिन जब रूस ने भारत के पक्ष में परमाणु हथियारों से लैस अपने दो समुद्री जहाज भेज दिए तो अमेरिका को पीछे हटना पड़ा था। रूस ने भारत की मदद इसलिए की थी क्योंकि अगस्त 1971 में भारत और रूस के बीच ट्रीटी ऑफ फ्रेंडशिप साइन हई थी।
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भारतीय सेना ने वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण प्रकृतिक आपदा के दौरान आपरेशन "राहत" के तहत बचाव अभियान चलाया था जो अभी तक पूरे विश्व का सबसे बड़ा बचाव अभीयान है। आकड़ों के मुताबिक, करीब 33,009 लोगों को रेसक्यू किया गया था।
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भारतीय सेना की इंजिनयरींग शाखा द्वारा हीं भारत के सबसे ऊंचे पुल और सबसे ऊंची सड़क का निर्माण किया गया है। पुल लद्दाख में द्रास और सुरु नदियों के बीच और सड़क खरदूला में है।
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भारतीय सेना अधीक से अधीक ऊंचाइयों पर सफलतापूर्वक लड़ने के मामले में सर्वश्रेष्ठ है। इसके लिए हाई एलटीट्यूड वारफेयर स्कूल (एचएडब्लूएस) दुनिया का सबसे बड़ा प्रशिक्षण शिविर चलाती है जिसमें अन्य देशों के सैनिक भी ट्रेनिंग लेते हैं। यह स्कूल गुलमर्ग, कश्मीर में स्थित है।
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भारतीय सेना में लगभग 11,30,000 कार्यरत और 9,60,000 रिजर्व कर्मचारी हैं। इस वजह से भारतीय सेना विश्व की तीसरी सबसे विशाल सेना के रूप में जानी जाती है।
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भारत के राष्ट्रपति की अंगरक्षक टुकड़ी भारतीय शस्त्र बल की सबसे पुरानी टुकड़ी है। यह वर्ष 1773 में बनी और राष्ट्रपति भवन में स्थाई है| इसके घोड़े युद्ध के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं।
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आज भी भारतीय सेना का गठन अंग्रेजों के समय का है। इसकी व्यवस्थाएं वर्ष 1947 से शुरू होती हैं। आज भी सेना की वर्दी एवं नियम काफी हद तक ब्रिटिश सैन्य नियमों के आधार पर है।
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.भारत की आजादी के बाद भारतीय सैन्य शक्ति में से भारत को कुल 45 रेजिमेंट मिले। जिसमें लगभग 2.5 लाख सैनिक थे जो कि वर्तमान में उसके 10 गुना हो चुके हैं।