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दिखने में जितनी खूबसूरत काम में कहीं खतरनाक हैं ये महिला IPS, नाम सुनते ही भाग खड़े हो रहे नक्सली और अपराधी
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झारखंड के लोहरदगा जिले के पेशरार थाना क्षेत्र के बुलबुल जंगलों में नक्सलियों के कमर तोड़ने के लिए पुलिस के द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में नक्सली इलाकों में घुसकर महिला बल बहादुरी के झंडे गाड़ रही हैं। बता दें कि इस सर्च अभियान में चार थाने के महिला पुलिस को लगाया गया है।
मीडिया से बात करते हुए एसपी प्रियंका मीणा ने बताया कि यह अभियान उन्होंने करीब एक महीने से चलाया है। रोजाना इसमें पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लग रही है। फरवरी माह में हमारी टीम ने कई नक्सलियों के कई बंकरों को ध्वस्त करने के साथ-9 नक्सली को गिरफ्तार किया है। जबकि एक नक्सली को मार गिराया है।
बता दें कि आईपीएस अफसर प्रियंका मीना लोहरदगा जिले की पहली महिला एसपी हैं। उन्होंने दो साल पहले अप्रैल 2020 में एसपी के रूप में प्रभार संभाला है। प्रियंका मीणा 2013 बैच की सबसे यंगगेस्ट अफसर हैं। प्रियंका मीणा पूरे देश के टॉप 50 पॉपुलर आईपीएस के लिस्ट में भी शामिल हो चुकी है।
नक्लियों को खिलाफ प्रियंका जिस बुलबुल जंगल में अभियान चला रही हैं, वह जंगल बेहद खतरनाक है। जहां लोग दिन में भी जान से डरते हैं, उस इलाके में महिला अफसर और उनकी टीम नक्सलियों का पीछा करने के लिए रात में निकल जाती हैं। बुलबुल का जंगल के बारे में बताया जाता है कि इस जंगल में कदम-कदम पर मौत बिछी हुई है, पूरे जंगलों में प्रेसर आईडी लगी हुई जिसके बावजूद भी वह नक्सलियों का सफाया करने के लिए जुटी हुई हैं।
महिला अफसर प्रियंका के बारे में बताया जाता है कि उनको बचपन से ही पुलिस विभाग में नौकरी करने का शौक था। तभी तो वह अपने स्कूल में होने वाली फैंसी ड्रेस प्रतियोगता और नाटक में हमेशा पुलिस का किरदार निभाती थीं। प्रियंका ने यूपीएससी की तैयारी स्नातक के साथ ही शुरू कर दी थी। इसके लिए कोई कोचिंग नहीं ली और पहले ही प्रयास में सफलता पा ली थी। पूरे बैच में सबसे कम उम्र में यह मुकाम हासिल किया था।
एक इंटरव्यू के दौरान प्रियंका ने कहा- मेरी सफलता के पीछे सबसे बड़ा योगदान मेरे माता-पिता का है। उन्होंने मुझे कमजोर होने नहीं दिया। हमेशा खुद पर भरोसा करना सिखाया है। माता-पिता से सीख मिली है कि लड़कियों को किसी पर भी निर्भर ना रहते हुए अपनी खुद की पहचान बनानी चाहिए।
आईपीएस अफसर प्रियंका मीना की पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के पालघर में सहायक पुलिस अधीक्षक के तौर पर हुई थी। पर रही। लोहरदगा आने से पहले वह रांची आईटीएस में एसपी थी। पुलिस की नौकरी मेरे लिए पेशा नहीं, बल्कि सेवा है। उन्होंने महिलाओं को संदेश दिया कि अन्याय सहना बंद कर उसका प्रतिकार करना शुरू करें। गलत का विरोध करें। सभी महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग जरूर लेनी चाहिए।