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देश का सबसे अनूठा गांव: अनपढ़ लोगों के फैसले को सलाम करते हैं SP तक, टीचर कहते गजब है यहां की शिक्षा
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दरअसल, मंडला जिले के इस अनूठे गांव का नाम 'मलपठार' है। जो कि जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर की दूर घने जंगलों के बीच बसा हुआ है। यहां निवास करने वाले ग्रामीणों में कोई कटुता नहीं रहती और सब मिलजुलकर प्यार से रहते हैं। पुलिस के बड़े-बड़े अफसर भी यहां के लोगों को सलाम करते हैं। कई अधिकारियों का कहना है कि यह गांव आदर्श पेश करने के मामले में शहरों को भी सीख दे रहा है कि समाज में हमें कैसे रहना चाहिए। जिले के दूसरे गांव के लोगों को भी मलपठार से सबक लेना चाहिए।
अगर कभी कोई छोटे मोटे विवाद हुए भी हैं तो गांव के बुजुर्ग लोगों के सामने लोग अपना पक्ष रखते हैं. जिसके बाद उन्हें आपस में ही सहमति से सुलझा लिया गया। सामूहिक तौर पर जो भी निर्णय लेते हैं, उसे गांव के लोगों को मानना पड़ता है।
बता दें कि मलपठार गांव में करीब 400 लोग निवास करते हैं। जो समय आने पर एक-दूसरे मदद करते और सुख-दुख में साथ खड़े होते हैं। मंडला जिले के एसपी यशपाल सिंह भी इस गांव के लोगों की जमकर तारीफ करते हैं। उनका कहना है कि गांव के लोग जिस तरह से बिना स्वार्थ के फैसले लेते हैं वह मिसाल है। सबसे बड़ी बात है कि यहां पर शराबबंदी लागू है, इस गांव का कोई व्यक्ति नशा नहीं करता है।
आदिवासी बाहुल्य गांव होने के चलते पहले यहां कभी हर शुभ काम में देवी-देवता को शराब चढ़ाने की परंपरा थी। लेकिन गांव के लोगों ने पंचायत लगाकर फैसला लिया कि अब ना तो यहां कोई शराब पीएगा और ना ही साथ देगा। अगर ऐसा कोई करता है तो उसे गांव से बाहर निकाल दिया जाएगा। इस फैसले के बाद अब देवी-देवता को शराब की जगह केवल प्रसाद चढ़ाया जाता है.
जानकारी के मुताबिक, अगर कभी कोई गलती करता है तो गांव के लोगों की पंचायत बैठती है, जहां दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के ऊपर मामूली सा जुर्माना लगाया जाता है। जो कि पूरे गांव के लोगों को गुड़ और चना का प्रसाद खिलाकर अपनी भूल सुधारने की विनती करता है। साथ ही 21 या 51 रुपए जुर्माना राशि ली जाती है जो कि कन्या या गरीब को दे दी जाती है।
यहां पर सरकारी स्कूल में पदस्थ टीचर रितेश कुमार झा ने कहा कि मैंने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसा गांव नहीं देखा। कई जगह पर मैंने नौकरी की, लेकिन ऐसा प्यार शयाद कहीं भी देखने को मिलता हो। अगर ऐसी सीख सब माने तो पूरा देश सुधर जाए और पुलिस प्रशासन की जरुरत ही ना पड़े।