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मुंबई में खतरनाक थर्ड वेव: पलायन करने लगे मजदूर, बोले-यहां रहे तो भूखे मर जाएंगे..आने लगीं बेबसी की तस्वीरें
मुंबई (महारष्ट्र). देश में महामारी के नए वैरियंट ओमिक्रॉन की वजह से आई तीसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में कोरोना की थर्ड वेव बेकाबू होती दिख रही है। क्योंकि देशभर से आधे से ज्यादा मामले तो यहीं से सामने आ रहे हैं। खासकर में मुंबई में तो जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहा है उसे देखकर लगने लगा है कि यह दूसरी लहर से भी ज्यादा तबाही मचा सकती है। जिसके चलते मुंबई में प्रवासी मजदूरों को खौफ सताने लगा है। उन्हें डर है कि कहीं पहले की तरह ही अचानक लॉकडाउन लग गया तो वह कैसे अपने गांव और घर पहुंच पाएंगे। इसलिए अब यह मजदूर हजारों की संख्या में पलायन करने लगे हैं। देखिए तीसरी लहर के खौफ में सामने आने लगीं बेबसी की तस्वीरें...
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दरअसल, मुंबई में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं पूरे राज्य में 36 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं। मीडिया में खबरें चलने लगी हैं कि कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लॉकडाउन लगाने पर फैसला ले सकते हैं। बस यही डर प्रवासी मजदूरों में बैठ गया है और वह समय रहते अपने गांव लौटने लगे हैं। गुरुवार रात मुंबई रेलवे स्टेशन पर हजारों की संख्या में मजदूर अपना सामान लेकर डटे रहे। अचानक भीड़ को देखकर पुलिस ने उनपर डंडे भी बरसाए, लेकिन वह नहीं हटे। सभी की यह कोशिश थी कि जल्द से जल्द उनको टिकट मिल जाए और वो अपने घर पहुंचे।
मुंबई पुलिस ने मजूदरों को हर तरफ से समझाया, इतना ही नहीं बल का प्रयोग भी किया, लेकिन वह ठस से मस नहीं हुए। वह पुलिस अधिकारियों से कहने लगे कि गर मुंबई में लॉकडाउन लग गया, तो वे भूखे मर जाएंगे। हम नहीं चाहते कि पहली और दूसरी लहर की तरह हमें पैदल जाना पड़े। अगर लॉकडाउन लगा तो हमे काम धंधा नहीं मिलेगा और फिर भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।
बता दे कि कड़ाके की ठंड होने की बजाय भी मुंबई के कुर्ला में लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर प्रवासियों की भीड़ रात 8 बजे से ही उमड़ने लगी थी। उन्हें ठंड की कोई परवाह नहीं थी, बस उनके चेहरे पर यही चिंता थी कि उन्हें टिकट मिल जाए और अपने घर पहुंचे।
लोकमान्य तिलक स्टेशन पर इतनी संख्य में प्रवासी पहुंच रहे थे कि यात्रियों को स्टेशन से बाहर निकलने में खासी परेशानी हुई। घर जाने डर सता रहे इन मजूदरों के सिर से लेकर हाथ में बोज था। किसी ने अपने सिर पर बोरा, बैग पकड़ रखा था तो किसी ने अटैची, बाल्टी और अपने बच्चों को पकड़ रखा था।
मुंबई रेलवे स्टेशनों पर घर जाने वालों में सबसे ज्यादा मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के शामिल हैं। वह स्टेशन के बाहर डेरा जमाए पूरी रात डटे रहे। कोई लेटा था, तो कोई बैठा था सभी यह बातें कर रहे थे कि कब अपने घर पहुंचेंगे। हर कोई टिकट और ट्रेन मैं बैठने की जद्दोजहद में लगा हुआ था।
आलम यह था कि जैसे ही यूपी-बिहार की ट्रेन आई तो सैंकड़ों की संख्या में मजदूर बिना टिकट ही सावर होने लगे। पुलिस ने डंडे भी बरसाए लेकिन उसका भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। देखते ही देखते ही चंद मिनटों में जनरल डिब्बे खचाखच भर गए। आलम यह था कि घर जाने की जल्दबादी में कोरोना की सारी गाइडलाइन टूट रही थीं। कइयों के चेहर पर कोई मास्क तक नहीं था।
बता दें कि दो दिन पहले मंगलवार को मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा था कि राज्य सरकार और नगरीय निकाय की ओर से केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार शहर में लॉककडाउन लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि आज कोई भी लॉकडाउन नहीं चाहता है और निश्चित तौर पर इसे नहीं लगाया जाना चाहिए लेकिन संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि होती है तो फिर लॉकडाउन के अलावा कोई उपाय नहीं है। शायद इसी डर के चलते प्रवासी मजदूर मुंबई छोड़ने लगे हैं।
महाराष्ट्र में गुरुवार को कोरोना के 36265 नए केस मिले। जबकि 8907 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किए गए। राज्य में 13 मरीजों की मौत हुई है। जबकि मुंबई में गुरुवार को 20181 नए मरीज मिले। इसके साथ ही चार मरीजों की हुई है। पूरे प्रदेश में अभी 114847 एक्टिव केस हैं। अब तक महाराष्ट्र में 6793297 मरीज मिले और इलाज के बाद 6533154 मरीज ठीक हुए हैं।