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Aero India से पहले राजनाथ सिंह ने दिया कड़ा संदेश; शो में दिखेगी आत्मनिर्भर भारत की झलक
बेंगलुरू में बुधवार से शुरू हो रहे एशिया के सबसे बड़े एयरो-शो 'एयरो इंडिया 2021' में आत्मनिर्भर भारत की सटीक झलक देखने को मिलेगी। वहीं, रक्षा मंत्री ने मंगलवार को कहा कि देश की रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकते। साथ ही चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद की ओर इशारा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, जवानों ने सर्वोच्च बलिदान देकर देश की संप्रभुता की रक्षा की। राजनाथ सिंह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की दूसरी एलसीए-तेजस प्रोडक्शन फैसिलिटी का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
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पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना ने मई में सीमा की स्थिति को बदलने का प्रयास किया था। इस दौरान भारतीय जवानों ने मुंह तोड़ जवाब दिया था। तभी से दोनों सेनाओं के बीच विवाद चल रहा है। 15 जून को स्थिति तब और बिगड़ गई, जब गलवान में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं, चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए। हालांकि, चीन ने आधिकारिक तौर पर आंकड़ा जारी नहीं किया। राजनाथ सिंह ने देश की सीमाओं पर स्थिति को स्थिर रखने का श्रेय सैनिकों के जज्बे को देते हुए कहा कि इस तरह से भारत ने अपनी संप्रभुता एवं अखंडता की रक्षा करने का संकल्प प्रदर्शित किया है।
एलसीए तेजस
भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही इजाफा होने वाला है। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच 3 फरवरी को 83 स्वदेशी तेजस विमान के लिए डील होगी। इस डील के तहत भारतीय वायुसेना को 48,000 करोड़ रुपए में 83 तेजस विमान मिलेंगे। इन विमानों में 73 फाइटर विमान और 10 ट्रेनी विमान शामिल हैं। डील साइन होने के 36 महीनों के अंदर वायुसेना को पहला विमान मिलेगा। वहीं, 9 साल में सभी विमान मिलेंगे।
तेजस में 6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। इसमें डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर, 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें ब्रह्मोस एनजी और एंटी रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनटी शिप मिसाइल तैनात की जा सकती हैं।
हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों का कॉन्क्लेव 4 फरवरी को
रक्षा मंत्रियों का कॉन्क्लेव 4 फरवरी को होगा। इसमें वर्चुअली और फिजिकल तौर पर 25 मंत्री और प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस कॉन्क्लेव के लिए 28 देशों को न्योता भेजा गया है। वहीं, 18 मंत्री शामिल होंगे, जबकि 8 वर्चुअली तरीके से शामिल होंगे। ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमीर हतामी भी इस कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। इस कॉन्क्लेव में विभिन्न देशों के वायु सेना प्रमुख एयरोस्पेस शक्ति रणनीति और तकनीकी विकास से संबंधित वर्तमान मुद्दों पर मंथन करेंगें और अपने विचार रखेंगे।
13वां एयरो इंडिया शो
इस साल एयरो इंडिया शो में कुल 601 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। तीन दिनों तक बेंगलुरू में होने वाली प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए 523 भारतीय, 14 देशों की 78 विदेशी कंपनियां रजिस्ट्रेशन कर चुकी हैं। इनमे से 248 एग्जीबिटर्स वर्चुअली हिस्सा लेंगी।