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जब वायुसेना ने 19 मिनट में दिया पाकिस्तान की सबसे बड़ी गलती का जवाब, Balakot Air Strikes की पूरी कहानी
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उधर, बालाकोट एयर स्ट्राइक की दूसरी बरसी पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना के साहस और परिश्रम को सलाम किया। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, "बालाकोट की सफलता ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति को दिखाया है।
दरअसल, 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ काफिले पर फिदायीन हमला कर दिया था। इस हमले में हमारे 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। देश के हर नागरिक की आंख में आंसू थे।
सीआरपीएफ के लगभग 2,500 जवान 78 गाड़ियों में सवार थे। इसमें ज्यादातर जवान वे थे, जो छुट्टी से वापस ड्यूटी पर लौटे थे। इसी दौरान एक विस्फोटक से भरी कार काफिले की एक बस से टकरा जाती है। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
भारत ने 13 दिन बाद लिया बदला
अब बारी थी भारत के जवाब लेने की। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था कि शहीदों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। उन्होंने एक सभा में भी कहा था कि आतंकियों ने हमला करके बड़ी गलती कर दी। इसका जल्द ही जवाब दिया जाएगा। इसी से अंदाजा लग गया था कि भारत आतंकियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
यह दिन 26 फरवरी को आ गया था। जब भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तानी सीमा में घुसकर बालाकोट में बम बरसाए। यहां आतंकी संगठन जैश के ठिकाने थे। वायुसेना के 12 मिराज पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए थे। भारत ने इजरायली बम स्पाइस 2000 का इस्तेमाल कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारतीय वायुसेना इस एयरस्ट्राइक को अंजाम देकर सिर्फ 19 मिनट में लौट आए।
बताया जाता है कि इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए। हालांकि, पाकिस्तान और भारत की ओर से इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं बताया। लेकिन भारत की वायुसेना ने जहां बम बरसाए थे, वहां पाकिस्तान ने आम नागरिकों का आना जाना कई दिनों तक रोक दिया था। हालांकि, बाद में इस जगह को खोला गया।