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भूपेंद्र पटेल के सामने होगी गुजरात जीतने की चुनौती, AUDA और AMC के रह चुके हैं चेयरमैन
भूपेंद्र पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार आंदोलन के बीच कांग्रेस के शशिकांत पटेल भारी अंतर से हराया था। पटेल ने ये चुनाव 1 लाख 17000 मतों से जीता था। पटेल AUDA और AMC की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर काम कर चुके हैं ।
| Published : Sep 12 2021, 07:45 PM IST / Updated: Sep 12 2021, 09:40 PM IST
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गांधी नगर । भूपेंद्र पटेल को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। वे गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे। पटेल को पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का विश्वस्त माना जाता है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने गुजरात चुनाव जैसे मुद्दों पर गहन मंथन करने के बाद गुजरात की कमान भूपेंद्र पटेल को सौंप दी है।
भूपेंद्र पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार आंदोलन के बीच कांग्रेस के शशिकांत पटेल भारी अंतर से हराया था। पटेल ने ये चुनाव 1 लाख 17000 मतों से जीता था।
उच्च शिक्षित हैं भूपेंद्र पटेल
भूपेंद्र पटेल सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। बताया जाता है कि गुजरात की मुख्यमंत्री रहते हुए आनंदीबेन पटेल ने खुद उनका समर्थन किया था। आनंदीबेन पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, तो उन्होंने अपनी सीट से भूपेंद्र पटेल को चुनाव लड़ाने का समर्थन किया था। इतना ही नहीं जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे, तब 1999-2001 के बीच पटेल अहमदाबाद नगरपालिका की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रहे, जबकि 2008-10 के बीच वे अहमदाबाद नगरपालिका स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे। भूपेंद्र पटेल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में पाटीदार आंदोलन के बीच कांग्रेस के शशिकांत पटेल भारी अंतर से हराया था। पटेल ने यह चुनाव एक लाख 17 हजार से ज्यादा मतों से जीता था।
कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे चुके हैं भूपेंद्र पटेल
भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) का पूरा नाम भूपेंद्र भाई रजनीकांत पटेल है। वे गुजरात की घाटलोडिया (Ghatlodia) विधानसभा से विधायक हैं, इसी सीट से गुजरात की पूर्व सीएम आनंदीबेन पटेल चुनाव जीतती रहीं है। भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (AUDA) के चेयरमैन रहे हैं। पटेल ने अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर भी काम किया है।
गुजरात में 2022 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सिर्फ तकरीबन सवा साल पहले मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अगले साल नवंबर-दिसंबर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस परिवर्तन को जातिगत समीकरणों को साधने और एंटी-इंकम्बेंसी कम करने की कवायद माना जा रहा है।
ऐसा नहीं हैकि ये परिवर्तन सिर्फ गजरात में हो रहा है। बीते कुछ महीनों में बीजेपी के शासन वाले कई राज्यों में बदलाव किया गया है। उत्तराखंड में मार्च 2022 में चुनाव है। उससे करीब एक साल पहले भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया। वहीं तीरथ रावत की पारी लंबी नहीं चली, 114 दिन में ही उन्हें बदल दिया गया। उनकी जगह पुष्कर धामी मुख्यमंत्री बना दिए गए। कर्नाटक में भी हाल ही में बीएस येद्युरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को सीएम बनाया गया है। कर्नाटक में भी मई 2023 में चुनाव होने हैं।