- Home
- National News
- Group Captain Varun Singh Death: भोपाल में रहते माता-पिता, तीनों सेनाओं से जुड़ा है परिवार, घर में दो बच्चे
Group Captain Varun Singh Death: भोपाल में रहते माता-पिता, तीनों सेनाओं से जुड़ा है परिवार, घर में दो बच्चे
भोपाल। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) के 7 दिन बाद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) का निधन हो गया। डॉक्टर्स के काफी प्रयासों के बाद भी वरुण की हालत में खास सुधार नहीं हो सका और बेंगलुरु के अस्पताल में बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों के वजह से दम तोड़ दिया। बता दें कि 8 दिसंबर को वरुण को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिता समेत 13 जवानों की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं कैप्टन वरुण के परिवार के बारे में...
| Published : Dec 15 2021, 01:56 PM IST / Updated: Dec 15 2021, 03:35 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
गैलेंट्री अवॉर्ड विनर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (42 साल) सैन्य परिवार से आते थे। उनका परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है- जल (Navy), थल (Army) और नभ (Air Force)। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से थे। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) रेजिमेंट में थे और मध्य प्रदेश के भोपाल में पत्नी समेत रहते हैं। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं। वरुण का परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया का रहने वाला है। वहां परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। इस घटना की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले ग्रुप कैप्टन वरुण के छोटे भाई तनुज अपनी मां उमा सिंह के साथ वेलिंगटन के हॉस्पिटल पहुंचे थे।
वरुण को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उन्हें ये अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया था। वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इस घटना के बाद वरुण के पिता कर्नल केपी सिंह ने कहा था कि मेरा बेटा बहुत बहादुर है। वह परिस्थितियों से लड़ना और जूझना जानता है।
बता दें कि इस हादसे से कुछ दिन पहले ही वरुण के पिता केपी सिंह (KP Singh) छोटे बेटे तनुज सिंह की बेटी के बर्थडे में शामिल होने के लिए मुंबई गए थे। वहीं उन्हें हादसे की जानकारी मिली थी। इधर, भोपाल में वरुण के पिता के पड़ोस में रहने वाले लोगों ने भी दुख जताया है। इन लोगों का कहना था कि हम सभी लोग वरुण के जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे थे।
वरुण के पिता केपी सिंह भोपाल की कोर 24 से रिटायर्ड होने के बाद यहीं बस गए। वे भोपाल की एयरपोर्ट स्थित सनसिटी कॉलोनी के इनरकोर्ट अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल पर रहते हैं। सिंह के पड़ोसी और लेफ्टिनेंट कर्नल ईशान आर ने बताया कि तीन सप्ताह पहले ही वरुण भोपाल आए थे और 10 दिन तक यहीं रुके थे।
वरुण ने भोपाल में पड़ोस में रहने वाले सभी लोगों से मुलाकात की थी। वरुण काफी मिलनसार स्वभाव के थे। वरुण सिंह के परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन, बेटी आराध्या है। उन्हें सीडीएस बिपिन रावत को रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर बनाया गया है। वरुण ने चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद साल 2004 में उनका एनडीए में सिलेक्शन हो गया।
वरुण सिंह देवरिया के कन्हौली गांव के रहने वाले थे और फाइटर पायलट थे। साल 2007 से 2009 तक उनकी गोरखपुर में पोस्टिंग रही। वह जगुआर फाइटर प्लेन उड़ाते रहे हैं। गोरखपुर से उनका हैदराबाद तबादला हुआ था। इन दिनों तमिलनाडु के वेलिंगटन में तैनाती थी। यहीं पत्नी और बच्चे रहते हैं। वेलिंगटन स्थित डिफेंस एकेडमी के कार्यक्रम में सीडीएस रावत को हिस्सा लेना था, कैप्टन उनके साथ जा रहे थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। 12 अक्टूबर 2020 को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बावजूद वरुण ने करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराई थी।
इसके लिए 15 अगस्त को राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। वरुण के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा हादसे में वरुण के घायल होने की सूचना मिली थी।
शौर्य चक्र मिलने के एक महीने बाद सितंबर 2021 में वरुण ने उस स्कूल को चिट्ठी लिखी थी जहां से उन्होंने पढ़ाई पूरी की थी। इस चिट्ठी में वरुण ने बताया था कि वह कितने साधारण स्टूडेंट थे और कैसे उन्होंने खुद को एक शानदार करियर और असाधारण जिंदगी के लिए तैयार किया। उस चिट्ठी में उन्होंने स्टूडेंट्स के लिए ऐसी 5 बड़ी सीख दी थी जो हम सभी को एक शानदार करियर, लाजवाब शख्सियत और जीवन में ढेरों उपलब्धियों के लिए प्रेरित कर सकती है।
वरुण के पिता पांच भाई...
कैप्टन वरुण सिंह (42 साल) का जन्म दिल्ली में हुआ है। वरुण के पिता पांच भाई हैं, इनमें से दिनेश प्रताप सिंह अधिवक्ता हैं, जो डीजीसी रहे। उमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड इंजीनियर है। कृष्ण प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं। रमेश प्रताप सिंह रिटायर्ड कर्नल हैं।