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भारत के साउथ-ईस्ट एशिया 'गेटवे' का निर्माण आया फिर ट्रैक पर, अब तक हो चुकी है काफी देर
नेशनल डेस्क। भारत का महत्वाकांक्षी कलादन मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (Kaladan Multi-model Transit Transport Project) की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। इसके 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। वैसे, इस पहले ही तैयार होना था, लेकिन कई वजहों के चलते यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सका। बता दें कि यह प्रोजेक्ट भारत की ईस्ट एशिया पॉलिसी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, तब यह पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट और म्यांमार के राखिने स्टेट के सिट्टवे पोर्ट से जुड़ जाएगा। यह चीन के पैलेटवा से सिट्टवे सी-पोर्ट के जरिए कलादन नदी के रास्ते जुड़ेगा। यह प्रोजेक्ट का कुल बजट 3,200 करोड़ रुपए का है, वहीं इसमें काफी बढ़ोत्तरी होती जा रही है, क्योंकि इसके लिए भारत-म्यांमार सीमा पर जमीन के अधिग्रहण के साथ और भी कई दूसरे खर्चे बढ़ते जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट से जुड़े समुद्री और नदियों के रूट का काम पूरा हो चुका है। अब दोनों देश रोड कन्स्ट्रक्शन का काम पूरा करने में लगे हुए हैं। इस पर 33 पुल बनाए जाने हैं। इनमें 8 भारतीय क्षेत्र में होंगे और बाकी म्यांमार की तरफ। सभी पुल क्लास 70 ग्रेड के होंगे, जो 70 टन का बोझ संभाल सकें। इस पर से मिलिट्री इक्विपमेंट जैसे टी-90 टैंक, धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और इन्फैंट्री व्हीकल्स आसानी से गुजर सकें। अक्टूबर 2020 तक कन्स्ट्रक्शन एजेंसियों को यहां म्यांमार की तरफ से अराकान आर्मी के हमले की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।
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