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एंटीलिया के पास क्यों रखा गया विस्फोटक? सचिव वझे का ऐसा करने के पीछे 16 साल पुरानी कहानी तो नहीं...
एंटीलिया केस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एक पुलिसवाले ने ही साजिश रची और फिर खुद उसका जांच अधिकारी बन गया। लेकिन सचिन वजे ने ऐसा क्यों किया? एंटीलिया के पास एसयूवी में विस्फोटक रखने से सचिन वझे को क्या मिलने वाला था? ऐसा करने के पीछे मकसद क्या हो सकता है? मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सचिन वझे ने ऐसा अपनी खोई हुई सुपर कॉप वाली इमेज को दोबारा पाने के लिए किया।
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दोबारा सुपर कॉप की छवि पाना चाहता था वझे?
दरअसल, सचिन वझे की छवि सुपर कॉप की रही है। साल 2000 के पहले तक एनकाउंटर करना और अखबारों-टीवी चैनल्स में छाए रहना उसे अच्छा लगता था। उनके नाम 63 एनकाउंटर हैं। लेकिन साल 2004 के बाद उसकी जिंदगी से सब चकाचौंध अचानक छिन गई। उसे पुलिस विभाग से निलंबित कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो 16 साल बाद साल 2020 में जब सचिन वझे की वापसी हुई तो उसे फिर से लाइनलाइट में आना था। सुपर कॉप वाली छवि को फिर से बनाना था, शायद इसी लिए उसने ये साजिश रची। फिर खुद ही उसे सॉल्व कर अपने अधिकारियों की नजर में आ जाता।
2004 में एक व्यक्ति की हिरासत में हुई थी मौत
49 साल का सचिन वझे मुंबई के पुलिस विभाग में असिस्टेंट पुलिस इन्स्पेक्टर के पद पर है। उसे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है। उसके नाम 63 एनकाउंटर हैं। 1990 बैच के अधिकारी सचिन वझे का खेल 2004 में बिगड़ा, जब घाटकोपर विस्फोट में हिरासत में लिए गए ख्वाजा यूनुस नाम के शख्स की मौत हो गई। इसी मामले में सचिन वझे को साल 2004 में निलंबित कर दिया गया था। वझे सहित उसके कुछ साथियों पर हत्या का मुकदमा लगा, जो आज तक चल रहा है।
2020 में 16 साल बाद पुलिस फोर्स में वापसी
सचिन वझे 16 साल तक निलंबित रहा। लेकिन साल 2020 में कोरोना काल में महाराष्ट्र में कई पुलिसवाले संक्रमित हुए। इसी की दलील देते हुए पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कई निलंबित पुलिसवालों को वापस पुलिस फोर्स में बुलाया। उसमें सचिन वझे भी था।
अर्नब को गिरफ्तार करने वाला सचिन वझे था
सचिन वाजे ने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने पिछले साल नवंबर में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया था।
सचिन वझे 2008 तक शिवसेना का सदस्य था
सचिन वझे को जब निलंबित किया गया था, उसके बाद वह शिवसेना में शामिल हो गया था। हालांकि वहां ज्यादा सक्रिय नही था। वझे 2008 तक शिवसेना का सदस्य था।
कब और किन आरोपों में गिरफ्तार किया गया?
पुलिस के मुताबिक, सचिन को 25 फरवरी को अंबानी के बहुमंजिला आवास एंटीलिया के पास खड़ी एसयूवी में जिलेटिन की छड़ें रखने में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया। जब उससे बार-बार पूछताछ की गई तो वह टूट गया और उसने अपनी भूमिका कबूल कर ली।
मनसुख हिरेन की हत्या में भी फंस सकता है?
25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास एक स्कॉर्पियो में विस्फोटक और धमकी भरा पत्र मिला था। एनआईए मामले की जांच कर रही है। ठाणे स्थित व्यवसायी मनसुख हिरन की रहस्यमय मौत की गुत्थी भी सुलझाई जा रही है। उनका शव 5 मार्च को ठाणे के एक नाले में मिला था। इस केस में भी सचिन वझे फंस सकता है।
हिरेन की पत्नी ने वझे पर लगाया था आरोप
हिरेन की पत्नी ने दावा किया था कि उसके पति ने नवंबर में वझे को एसयूवी दी थी, जिसे सचिन वझे ने फरवरी के पहले हफ्ते में लौटा दिया था। हालांकि, एटीएस द्वारा पूछताछ के दौरान वझे ने उस एसयूवी का उपयोग करने से इनकार कर दिया था।
वझे के पक्ष में वकीलों ने कोर्ट में क्या तर्क दिए
वझे के वकील सुदीप पासबोला ने कहा कि गिरफ्तारी केवल संदेह के आधार पर की गई है और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। एक अन्य बचाव पक्ष के वकील सनी पुनमिया ने कोर्ट में कहा था कि वझे की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध थी। कोर्ट में रखा गया तर्क यह था कि केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।