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Manipur Landslide: किसी हॉरर फिल्म जैसा इतिहास का सबसे खराब हादसा, जिसे देखकर CM की आंखें भी भींग गईं
इम्फाल. मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट पर 30 जून को हुए भीषण भूस्खलन(massive landslide railway construction site in Manipur Noney district) को राज्य के इतिहास में इस तरह की सबसे खराब घटना माना जा रहा है। इस हादसे में प्रादेशिक सेना के जवानों सहित मरने वालों की संख्या 24 हो गई है। मिट्टी में कई लोग अभी भी दबे हुए हैं। ये जिंदा होंगे या नहीं, कोई नहीं कह सकता है। राज्य में इस साल भूस्खलन में 85 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मिट्टी में दबे लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस बीच नागरिक प्रशासन ने एजई नदी(Ijei River) के निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सावधानी बरतने और भूस्खलन से नदी पर बने बांध के टूटने की आशंका के कारण जगह खाली करने को कहा है। देखिए कुछ फोटोज...
| Published : Jul 02 2022, 07:13 AM IST / Updated: Jul 02 2022, 12:06 PM IST
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मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह(Manipur CM N Biren Singh) ने दु:ख जताते हुए नम आंखों से कहा-राज्य के इतिहास में सबसे खराब घटना है। बता दे कि 85 से अधिक लोगों ने (राज्य में अलग-अलग लैंडस्लाइड्स की घटनाओं में ) अलग-अलग हादसों में जान गंवाई है। हालांकि प्रादेशिक सेना (territorial army-personnel) के जवानों सहित 18 को बचा लिया गया है; लगभग 37 अभी भी दबे हैं। मिट्टी के कारण सभी को निकालने में 2-3 दिन लगेंगे। केंद्र ने बचाव अभियान के लिए NDRF और सेना के जवानों को भी भेजा है। मिट्टी में नमी के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है, जिससे देरी हो रही है।
(यह तस्वीर मां-बेटी की बताई जाती है, जिनका हादसे के बाद से अब तक पता नहीं चल पाया है। तस्वीर Elizabeth के ट्वीटर से क्रेडिट)
भारतीय सेना ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर में भूस्खलन के बाद लापता हुए प्रादेशिक सेना के जवानों और नागरिकों सहित 37 लोगों के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा। वॉल राडार(Wall Radar) के जरिये कीचड़ के ढेर के अंदर किसी भी ह्यूमन प्रेजेंस का पता लगाया जा रहा है।
अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। लेकिन प्रादेशिक सेना के जवानों सहित 24 लोगों के शव मिले।
प्रादेशिक सेना के जवानों और नागरिकों सहित 37 की तलाश लगातार जारी रहेगी। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम का हौसला बढ़ाने घटनास्थल का दौरा किया।
नागरिक प्रशासन ने एजई नदी( Ijei River) के निचले इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सावधानी बरतने और भूस्खलन से नदी पर बने बांध के टूटने की आशंका के कारण जगह खाली करने को कहा है। इजेई नदी का प्रवाह मलबे से बाधित हो गया है, जिससे बांध जैसी स्थिति पैदा हो गई है। अगर यह बांध टूटता है, तो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाकों में कहर टूट पड़ेगा। यह भी पढ़ें-Shocking Picture मणिपुर लैंडस्लाइड, मलबे ने रोका नदी का रास्ता, डैम की तरह रुका पानी, अगर टूटा, तो कहर बरपेगा
प्रशासन ने यात्रियों को कई सड़कें मलबे से बंद होने से नेशनल हाईवे-37 से न गुजरने की सलाह दी है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यह भी पढ़ें-Monsoon Report: देश के कई राज्यों में पहुंच चुका है मानसून, जानिए मौसम विभाग ने क्या अलर्ट जारी किया है
तुपुल में घटना स्थल पर भारतीय सेना, असम राइफल्स, प्रादेशिक सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ द्वारा सर्च ऑपरेशन जारी है। सर्च ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए 2 जुलाई की सुबह नई टीमों को तैनात किया गया है। लैंडस्लाइड के बाद यहां एक डैम की तरह पानी रुक गया है।
वॉल राडार(Wall Radar) और रेस्क्यू डॉग्स की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। हालांकि ये जिंदा होंगे या नहीं, निश्चित नहीं है।
एक जेसीओ और 12 अन्य रैंक के प्रादेशिक सेना के जवानों सहित 14 कर्मियों की बॉडी दो आईएएफ विमानों और एक भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर के जरिये संबंधित होम स्टेशनों पर भेजी गई हैं।