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Andhra Pradesh floods: ये हैं रियल 'खतरों के खिलाड़ी'; बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने लगा दी जान की बाजी
अमरावती. आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में पिछले हफ्ते आई भीषण बाढ़(Flood) से प्रभावित कई जिलों; खासकर दक्षिण तटीय रायलसीमा जिलों में हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि यहां 2 दिसंबर तक बारिश के आसार हैं। इस बीच रेस्क्यू लगातार जारी है। ये तस्वीरें आंध्र प्रदेश में बाढ़ की भयानक स्थिति को दिखाती हैं। नदी-नाले उफान पर होने से लोग बहने तक लगे थे। आंध्र प्रदेश पुलिस की टीम और अन्य रेस्क्यू टीम ने लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने अपनी जान की बाजी लगा दी। देखिए Andhra Pradesh floods की कुछ तस्वीरें....

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दक्षिण आंध्र प्रदेश के अलावा रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में 28 और 29 नवंबर तक भारी की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) कोमोरिन क्षेत्र और उससे सटे श्रीलंका के तटों पर बना हुआ है। इससे निचले स्तरों पर तमिलनाडु के तट और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में तेज उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही हैं। इसके असर से भी अगले 4-5 दिनों तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे और लक्षद्वीप क्षेत्र में हल्की से मध्यम, भारी या बहुत भारी बारिश हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश में भी भारी बारिश संभावित है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। राज्य का कडापा जिले सबसे अधिक प्रभावित है। यहां बाढ़ में 16 से अधिक लोग बह गए।
IMD ने चेतावनी दी है कि अगले 4-5 दिनों में रायलसीमा (Rayalaseema) और दक्षिण तटीय आंध्र, विशेषकर चित्तूर और नेल्लोर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) ने 26 नवंबर को विधानसभा में बताया कि सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिना देरी किए रेस्क्यू चला रही है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि प्रायद्वीपीय भारत में 1 नवंबर से 25 नवंबर के बीच 143.4 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इससे बाढ़ आई और इन्फ्रास्ट्रक्चर डैमेज हुआ।
अगर आंध्र प्रदेश के अलावा दक्षिण भारत के कुछ अन्य राज्यों का हाल देखें, तो 1 अक्टूबर से पूर्वोत्तर मानसून सीजन के दौरान तमिलनाडु में अब तक 61 फीसदी, पुडुचेरी में 83, कर्नाटक में 105 और केरल में 110 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है।