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हर घंटे 4 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं, अब तक जा चुकी है 20 की जान, बाकियों का इलाज जारी
मुंबई. भारत में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं। यहां कोरोना के 52 हजार से ज्यादा केस आ चुके हैं। वायरस की चपेट में यहां के पुलिसकर्मी भी हैं। पिछले 24 घंटे में 90 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अब तक कुल 1889 पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से 207 पुलिस ऑफिसर और 1682 पुलिसकर्मी हैं। भारत में कोरोना के 1,45,354 केस आ चुके हैं। इसमें से 4,174 लोगों की मौत हो चुकी है। 60,722 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं। अभी भी देश में 80 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हैं। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली और राजस्थान कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। महाराष्ट्र में कोरोना 52,667 केस, तमिलनाडु में 17,082 केस, गुजरात में 14 हजार केस, दिल्ली में 14 हजार केस और राजस्थान में कोरोना के 7,376 केस सामने आ चुके हैं।
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कोरोना से 20 पुलिसकर्मियों की जान जा चुकी है
कोरोना संक्रमण से 20 पुलिसकर्मियों की जान जा चुकी है। इसेमें से एक पुलिस ऑफिसर और 19 पुलिसकर्मी हैं। वहीं पिछले 24 घंटे की बात करें तो 2 पुलिसवालों की जान जा चुकी है। हालांकि खुशी की बात यह है कि 838 पुलिसकर्मी ठीक भी हो चुके हैं।
मुंबई सबसे ज्यादा संक्रमित
महाराष्ट्र में कोरोना का हॉटस्पॉट मुंबई है। सोमवार को धारावी और उससे सटे माहिम व दादर में 96 नए संक्रमित सामने आए। इनमें धारावी में 42, माहिम में 34 और दादर के 20 मरीज शामिल है। मुंबई एक दिन में 1430 नए मरीज मिले। मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 40, 438 तक पहुंच गई है।
महाराष्ट्र में ही सिर्फ 35% केस
देश के 35% से ज्यादा कोरोना केस महाराष्ट्र में हैं। वहीं महाराष्ट्र के कोरोना केस में मुंबई में सबसे ज्यादा करीब 60% है। अमेरिका में कोरोना के जितने मामले सामने आए हैं, उनमें 13% से ज्यादा अकेले न्यूयॉर्क में हैं। जबकि कोरोना से अमेरिका में हुई कुल मौत का करीब 22 प्रतिशत आंकड़ा अकेले न्यूयॉर्क में सामने आया है।
महाराष्ट्र सरकार फेल हुई या पास?
कोरोना को रोकने में महाराष्ट्र सरकार फेल हुई या पास? इसका जवाब खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मई के अंत तक महाराष्ट्र में डेढ़ लाख तक कोरोना के मरीज होने की संभावना जताई गई थी। लेकिन हम इसे काबू कर पाए और इतना नहीं बढ़ने नहीं दिया। सभी लोग कोरोना से डटकर मुकाबला कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कोरोना के और भी मरीज बढ़ेंगे। लेकिन डरने की जरूरत नहीं है।
मुंबई छोड़कर क्यों भागे मजदूर?
मजदूरों के पलायन पर उद्धव ने कहा, मजदूरों को हमने कभी नहीं कहा कि चले जाओ। वे खुद जाने लगे। हम नहीं चाहते थे कि प्रवासी जाएं लेकिन रुके नहीं, इसलिए केंद्र से ट्रेन की मांग की ताकि उनके घर उन्हें पहुंचा सके।
कितने मजदूरों ने मुंबई छोड़ दिया?
महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, 481 ट्रेनों से 7 लाख तक मजदूरों को उनके घर छोड़ा जा चुका है। अब तक इस पर 85 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सही समय पर ट्रेन से भेजे जाने की सुविधा की इजाजत नहीं मिली वरना यह पहले भी जा सकते थी। रेलवे का अब तक पैसा केंद्र सरकार से नहीं आया है, जो प्रवासियों को दूसरे राज्यों तक भेजने में खर्च हुआ है।