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मोदी सरकार 2.0 का 1 साल: धारा 370 से आत्मनिर्भर भारत तक...इन फैसलों को देश हमेशा रखेगा याद
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 30 मई को दोबारा देश की बागडोर संभाली थी। यानी 3 दिन बाद सरकार को 1 साल पूरा हो रहा है। मोदी सरकार का दूसरे कार्यकाल का पहला साल आर्टिकल 370 से लेकर आत्मनिर्भर भारत तक ऐतिहासिक फैसलों के लिए देश हमेशा याद रखेगा। हालांकि, सरकार के कुछ फैसलों पर विपक्ष ने विरोध भी किया। मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रहा है, ऐसे में मोदी सरकार ने अभी तक लॉकडाउन से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं और आर्थिक पैकेज तक कई बड़े फैसले लिए। इन फैसलों ने कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक काबू में किया है। आईए जानते हैं कि एक साल में मोदी सरकार ने कौन कौन से बड़े फैसले लिए हैं।
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आर्टिकल 370: आर्टिकल 370 का जिक्र भाजपा जनसंघ के वक्त से कर रही है। यहां तक की जनसंघ के संस्थापक डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसी मुद्दे को लेकर अपनी जान गंवा दी थी। मुखर्जी को जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने के विरोध में आंदोलन चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 23 जून 1953 को श्रीनगर में उनकी जेल में संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। 70 साल से लटका यह मुद्दा हर बार भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल होता था। लेकिन मोदी 2.0 में आर्टिकल 370 निष्प्रभावी किया गया। 5 अगस्त को राज्यसभा से बिल पास हो गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित राज्य बनने का भी रास्ता साफ हो गया।
तीन तलाक: दूसरे कार्यकाल का यह पहला सत्र था। मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिलाने और तलाक ए बिद्दत (यानी एक साथ तीन तलाक) से उन्हें आजादी दिलाने वाला ऐतिहासिक बिल 30 जुलाई को राज्यसभा से पास हुआ था। भाजपा को राज्यसभा में बहुमत नहीं था, लेकिन फिर भी इसके समर्थन में 99 वोट मिले थे।
नागरिकता संशोधन विधेयक: तीन तलाक और आर्टिकल 370 के बाद अब बारी थी नागरिकता संशोधन विधेयक की। भाजपा के घोषणा पत्र में ये मुद्दा भी हमेशा शामिल रहा। भाजपा ने इस सत्र में इसे पेश किया और दोनों सदनों में पास करा लिया। यहां एक बार फिर अमित शाह की रणनीति ही काम आई कि विपक्ष के विरोध और राज्यसभा में पूर्ण बहुमत ना होने के बावजूद यह आसानी से पास हो गया।
राम मंदिर: इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दशकों से फंसा अयोध्या विवाद भी खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए रामलला को विवादित जमीन का मालिकाना हक दिया। भाजपा भी हमेशा से अयोध्या में मंदिर बनाने के पक्ष में थी। साथ ही इसे घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाता रहा। अब सुप्रीम कोर्ट के सरकार के पक्ष में फैसले से एक और वादा अपने आप ही पूरा हो गया।
यूएपीए एक्ट में संशोधन : इस साल जुलाई में दोनों सदनों से यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम (संशोधन) विधेयक-2019 पास हुआ। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन गया है। अब आतंकी गतिविधियों में लिप्त या उसे प्रोत्साहित करते मिले किसी व्यक्ति को आतंकी घोषित किया जा सकता है। साथ ही एनआईए उसकी संपत्ति जब्त कर यात्रा पर रोक लगा सकती है। पहले सिर्फ संगठन को आतंकी घोषित किया जा सकता था।
दस सरकारी बैंकों का विलय: मोदी सरकार ने बैंकिंग सुविधा में सुधार के लिए 30 अगस्त 2019 को दस सरकारी बैंकों के विलय से चार बड़े बैंक बनाने का फैसला किया। 2017 में 27 सरकारी बैंक थे, अब छह महीने की पूरी प्रक्रिया के बाद ये 12 रह जाएंगे।
नया मोटर वाहन अधिनियम लागू: 5 अगस्त 2019 को सरकार नया मोटर वाहन अधिनियम लाई। यह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद नया कानून बन गया। 1 सितंबर 2019 को इसे लागू किया गया। हालांकि, कई राज्यों ने इसे मानने से इनकार कर दिया। नए कानून के तहत जुर्माने की राशि दस गुना तक बढ़ाई गई। जनता ने इसका विरोध भी किया। लेकिन केंद्र का कहना है कि इससे लोग नियमों को मानने लगेंगे।
आत्मनिर्भर भारत अभियान: कोरोना के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल छाए हैं। इसका असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। इस पैकेज के जरिए पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की। दुनिया के बाजार में भारत की पहचान बनाने के लिए यह अभियान काफी अहम साबित हो सकता है।