निर्भया के दरिंदों को कल फांसी मिलना है मुश्किल, जानें किन वजहों से अटकी मौत
नई दिल्ली. निर्भया केस में 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी है। लेकिन जिस तरह से दोषियों ने हथकंडे अपनाए हैं, उनसे अब ऐसा माना जा रहा है कि यह तारीख फिर से आगे बढ़ सकती है। इससे पहले एक दोषी विनय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। अभी मुकेश की दया याचिका खारिज हुई है। ऐस में तीनों के पास अभी दया याचिका का विकल्प बचा है।
| Published : Jan 31 2020, 08:21 AM IST / Updated: Jan 31 2020, 10:41 AM IST
निर्भया के दरिंदों को कल फांसी मिलना है मुश्किल, जानें किन वजहों से अटकी मौत
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जिस तरह से मुकेश ने दया याचिका खारिज होने के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी माना जा रहा है कि विनय भी यही हथकंडा अपना सकता है।
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उधर, निर्भया के दोषियों के वकील ने पटियाला कोर्ट में अर्जी दायर कर फांसी पर अनिश्चित काल के लिए रोक लगाने की मांग की है। इस याचिका पर कोर्ट आज सुनवाई करेगी।
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याचिका में दिल्ली प्रिजन रूल्स का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि चारों दोषियों में से किसी एक को भी तब तक फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक उनपर कोई ना कोई कानूनी विकल्प बचा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अन्य दोषी अक्षय की क्यूरेटिव पिटीशन रद्द कर दी थी।
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इससे पहले विनय ने बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी। उसकी क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। मुकेश के बाद विनय दूसरा दोषी है, जिसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है। मुकेश की दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। अब मुकेश के बाद कोई विकल्प नहीं बचा है।
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मुकेश- कोई विकल्प नहीं। विनय की राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर है। अक्षय की क्यूरेटिव रद्द हो चुकी है, उसने अभी दया याचिका दायर नहीं की है। वहीं, पवन के पास अभी क्यूरेटिव और दया याचिका के विकल्प बचे हैं।
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16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 6 लोगों ने दरिंदगी की थी। साथ ही निर्भया के साथ बस में मौजूद दोस्त के साथ भी मारपीट की गई थी।
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दोनों को चलती बस से फेंक कर दोषी फरार हो गए थे। 29 दिसंबर को निर्भया ने सिंगापुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।