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CM अशोक गहलोत ने राज्यपाल पर साधा निशाना, बोले-'सब जानते हैं किसके इशारे पर ये हो रहा है'
जयपुर. राजस्थान में सत्ता के लिए उठापटक लगी हुई है। सचिन पायलट को मंत्री पद के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया था। इसके बाद अब गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी चीफ बनाया गया है। डोटासरा के पदभार ग्रहण समारोह जयपुर में बीते बुधवार को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा बयान दिया है। सीएम गहलोत ने विधायकों से कहा कि आपके एक महीने के घाटे की ब्याज सहित पूर्ति करेंगे।
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अशोक गहलोत ने आगे कहा कि पीसीसी का हर साल अधिवेशन होना चाहिए, इसमें सरकार, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की जमकर आलोचना होनी चाहिए। सीएम ने गवर्नर पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्यपाल से पूरा प्रदेश पूछ रहा है कि वो विधानसभा सत्र बुलाने में अड़ंगा क्यों डाल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सब जानते हैं कि यह किसके इशारे पर किया जा रहा है।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी आत्मा तो अब भी यहां पीसीसी में भटकती रहती है। उन्होंने लंबे समय तक संगठन में काम किया है। साल में कांग्रेस का अधिवेशन एक बार जरूर बुलाना चाहिए, ताकि उस अधिवेशन में सरकार की कमियां बताई जाए और वहां जमकर आलोचना हो। मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों के काम की आलोचना हो, हमारी आलोचना सुनने की हैबिट खत्म हो चुकी है। जब पीसीसी में सरकार के कामों, मंत्रियों की आलोचना होती है, तो ब्यूरोक्रेसी में सही संदेश जाता है।
सीएम गहलोत ने विधायकों से कहा कि उनके एक महीने के घाटे की पूर्ति की जिम्मेदारी उनकी रहेगी। घाटे की पूर्ति वो ब्याज सहित करेंगे। 50 साल में जितना समय होटल में नहीं गुजारा उतना इस वक्त गुजार दिया। सीएम ने कहा कि जनता सरकार को अस्थिर करने की चालों को समझ चुकी है। अब तो लोग विधायकों से कह रहे हैं, आप जीतकर आइए।
सीएम ने आगे कहा कि पहले विधायकों के पास काम के लिए फोन आते थे, लेकिन अब विधायकों के पास जीतकर आने के फोन आते हैं। कोरोना महामारी बढ़ रही है। केंद्र सरकार को कैसे फुर्सत मिल सकती है। एमपी की सरकार गिरा दी। गवर्नर अलग-अलग अप्रोच रखते हैं।
बीजेपी पर साधा निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि यहां के गवर्नर विधानसभा सत्र 21 दिन से पहले बुलाने की अनुमति नहीं दे रहे। उनके विधायक वारियर्स हैं, चाहे 21 दिन हों या 31 दिन जीत उन्हीं की होगी। गवर्नर 6 पेज का पत्र भेज रहे हैं। 3 बार वो प्रस्ताव भेज चुके हैं। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर इस तरह सवाल उठाए हैं।
गहलोत कहते हैं कि सीबीआई और ईडी के छापे पड़ रहे हैं। इस पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि चुन-चुन कर छापे क्यों डाले जा रहे हैं। सीएम ने आगे कहा कि आज जो खेल चल रहा है वह राज्यसभा चुनाव के वक्त होना था, लेकिन उन्होंने सजगता से टाल दिया। गवर्नर से देश पूछ रहा है, प्रदेश पूछ रहा है कि आप विधानसभा सत्र बुलाने पर अड़ंगा क्यों डाल रहे हैं? सब जानते हैं किसके इशारे पर यह हो रहा है।
सीएम ने कहा कि राजनीतिक उठापटक सरकार की प्राथमिकता नहीं हो सकती। कोरोना से मुकाबला करना उनकी प्राथमिकता है। वो लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं। कोरोना के बाद 5 बार पेंशन भेजी जा चुकी है। 35 लाख लोगों को 3 बार अनुग्रह राशि दी जा चुकी। पहले 2500 रुपए और अब बीते 27 जुलाई को ही 1000 रुपए की अनुग्रह राशि भेजी है।