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ये मेरा इंडिया: विजय चौक से इंडिया गेट तक का राजपथ, देखिए Central Vista Avenue की 15 शानदार तस्वीरें
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पुनर्विकसित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में राज्यवार पकवान के स्टॉल, चारों ओर हरियाली वाला लाल ग्रेनाइट युक्त पैदल पथ, बिक्री क्षेत्र (वेंडिंग जोन), पार्किंग स्थल और चौबीसों घंटे सुरक्षा जैसी विशेषता दिखेंगी।
हालांकि यह याद रखे कि इंडिया गेट से मान सिंह रोड तक के उद्यान क्षेत्र में भोजन करने की अनुमति नहीं होगी।
इतना सुंदर दृश्य दिखेगा अब। इससे पहले ऐसा मंजर आपने यहां कभी नहीं देखा होगा। यानी यहां का कायाकल्प हो गया है।
इसमें 8 सुविधा ब्लॉक(amenity blocks ) बनाए गए हैं, जबकि पूरे ब्लॉक में चार पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं, जिनमें 422 लाल ग्रेनाइट बेंच हैं।
राजपथ के साथ 1,10,457 वर्ग मीटर में फैले नए लाल ग्रेनाइट फुटपाथ बनाए गए हैं, जो बजरी रेत की जगह लेंगे।
राजपथ पर 987 कंक्रीट के बोल्डर लगाए गए हैं। कुल 1,490 आधुनिक दिखने वाले मैनहोल पहले वाले मैनहोल की जगह लेंगे।
इस पूरे प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले दिनों बताया था कि 51 मंत्रालयों के लिए ऑफिस, मेट्रो के साथ जोड़ना, नया संसद भवन, 9 ऑफिस के भवन, न्यू इंदिरा गांधी सेंटर फॉर परफार्मिंग आर्ट्स सब मिलाकर सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर खर्चा करीब 13,000-15,000 करोड़ आएगा।
करीब 100 साल बाद देश को नया संसद भवन मिलेगा। अहमदाबाद के आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने नए संसद भवन की डिजाइन तैयार की है।
टाटा प्रोजेक्ट्स सेंट्रल विस्टा का काम करा रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने की डेड लाइन अक्टूबर रखी गई थी।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
प्रोजेक्ट के अक्टूबर 2022 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद थी। क्योंकि कोविड महामारी की वजह से कार्य धीमा हुआ है, इसलिए इसे पूरा होने में अभी समय लगेगा।
प्रत्येक संसद सदस्य के पास पुनर्विकसित श्रम शक्ति भवन में 40 वर्ग मीटर का कार्यालय स्थान होगा, जो 2024 तक पूरा हो जाएगा।
पूरा प्रोजेक्ट देश भर के कारीगरों और मूर्तिकारों के योगदान के साथ देश की गौरवशाली विरासत को भी प्रदर्शित करेगी।
यह भी बता दें कि नए संसद भवन की शोभा बढ़ाने के लिए मशहूर पारंपरिक हस्त निर्मित कश्मीरी कालीन तैयार हैं। बडगाम जिले के एक सुदूर गांव में कलाकार काम पूरा करने के अंतिम चरण में हैं। 50 बुनकरों और कारीगरों का एक समूह पिछले लगभग एक साल से इस कालीन को पूरा करने के लिए काम कर रहा है, जो उन्हें नई दिल्ली स्थित एक कंपनी द्वारा सौंपी गया था। पिछले साल अक्टूबर में नए संसद भवन के लिए कालीनों के लिए कंपनी से 12 कालीनों का ऑर्डर मिला था।