MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • घरों के अंदर से लोगों ने किया सैल्यूट, ऐसे दी गई देश के लिए शहीद होने वाले संतोष बाबू को अंतिम सलामी

घरों के अंदर से लोगों ने किया सैल्यूट, ऐसे दी गई देश के लिए शहीद होने वाले संतोष बाबू को अंतिम सलामी

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प में शहीद हुए 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू को अंतिम विदाई दी जा रही है। संतोष बाबू ने 2 दिसंबर 2019 को ही कमान संभाली थी। यह तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के रहने वाले थे। पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झपड़ में भारत के कर्नल रैंक के अधिकारी सहित 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन ने ऐसा क्यों किया? मंत्रालय ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि 15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की। यथास्थिति से मतलब है कि चीन ने एलएसी बदलने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने रोका और इसी बीच झड़प हुई।

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jun 18 2020, 09:38 AM IST| Updated : Feb 05 2022, 03:21 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
114

तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले संतोष बाबू बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। परिवार में माता-पिता के अलावा दो बच्चे और पत्नी हैं। उनकी पत्नी अपने एक बेटे और एक बेटी के साथ दिल्ली में रहती हैं। 
 

214

संतोष बाबू के पिता रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं। शहादत से पहले संतोष बाबू की पोस्टिंग हैदराबाद होने वाली थी। संतोष बाबू की पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी।
 
 

314

संतोष बाबू भारतीय सेना में 2004 में शामिल हुए। पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी। 
 

414

कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

514

शहीद संतोष बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन।

614

संतोष बाबू की पत्नी को सांत्वना देते हुए मंत्री केटीआर।

714

रविवार को उन्होंने अपनी मां से फोन पर बात की थी। दोनों के बीच बातचीत का ज्यादातर हिस्सा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के इर्द गिर्द रहा। 

 

814

उनके पिता ने एक अखबार से बात करते हुए बताया था कि उनकी प्रेरणा से संतोष ने सेना में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद एनडीए और फिर आईएमए गए। 15 साल के सेवाकाल में संतोष बाबू को चार प्रमोशन मिले। कुपवाड़ा में आतकंवादियों से बहादुरी के साथ मुकाबला करने पर सेना प्रमुख की तरफ से  उनको सराहना भी मिली थी। संतोष बाबू के पिता को देश की खातिर जान न्योछावर करनेवाले बेटे की वीरगति पर गर्व है।

914
1014
1114
1214
1314
1414

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved