- Home
- National News
- घरों के अंदर से लोगों ने किया सैल्यूट, ऐसे दी गई देश के लिए शहीद होने वाले संतोष बाबू को अंतिम सलामी
घरों के अंदर से लोगों ने किया सैल्यूट, ऐसे दी गई देश के लिए शहीद होने वाले संतोष बाबू को अंतिम सलामी
- FB
- TW
- Linkdin
तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले संतोष बाबू बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। परिवार में माता-पिता के अलावा दो बच्चे और पत्नी हैं। उनकी पत्नी अपने एक बेटे और एक बेटी के साथ दिल्ली में रहती हैं।
संतोष बाबू के पिता रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं। शहादत से पहले संतोष बाबू की पोस्टिंग हैदराबाद होने वाली थी। संतोष बाबू की पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी।
संतोष बाबू भारतीय सेना में 2004 में शामिल हुए। पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी।
कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
शहीद संतोष बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित करती हुई राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन।
संतोष बाबू की पत्नी को सांत्वना देते हुए मंत्री केटीआर।
रविवार को उन्होंने अपनी मां से फोन पर बात की थी। दोनों के बीच बातचीत का ज्यादातर हिस्सा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के इर्द गिर्द रहा।
उनके पिता ने एक अखबार से बात करते हुए बताया था कि उनकी प्रेरणा से संतोष ने सेना में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने आंध्र प्रदेश के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद एनडीए और फिर आईएमए गए। 15 साल के सेवाकाल में संतोष बाबू को चार प्रमोशन मिले। कुपवाड़ा में आतकंवादियों से बहादुरी के साथ मुकाबला करने पर सेना प्रमुख की तरफ से उनको सराहना भी मिली थी। संतोष बाबू के पिता को देश की खातिर जान न्योछावर करनेवाले बेटे की वीरगति पर गर्व है।