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सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ जमींदोज होता 1200 साल पुराना जगन्नाथपुरी का ये मंदिर, आखिर ये माजरा क्या है?
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800 करोड़ का है प्रोजेक्ट
जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समति ने 12वीं सदी के इस मंदिर के आसपास के क्षेत्र के डेवलपमेंट के लिए 800 करोड़ रुपए की हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना (heritage corridor project) को मंजूरी दी थी। हालांकि यह पूरी परियोजना करीब 3200 करोड़ की है, जिसमें दूसरे अन्य प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।
मठ-मंदिरों के संरक्षण की योजना
इस योजना के तहत जगन्नाथ मंदिर की सीमा में आने वाले करीब 100 मीटर के दायरे को आकर्षक और सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है। यहां श्री जगन्नाथ रिसेप्शन सेंटर भी स्थापित होगा। साथ ही भगवान जगन्नाथ अनुष्ठान से जुड़े मठ-मंदिरों के सरंक्षण की भी योजना है।
सर्वसुविधायुक्त होगा कॉरिडोर
यह प्रोजेक्ट पहले फरवरी 2022 तक पूरा किया जाना था। हालांकि इसमें देरी हो गई। बता दें कि श्री जगन्नाथ रिसेप्शन सेंटर में 6,000 लोगों की लाइनों के प्रबंधन के लिए एक खुला स्थान बनाया जाना है, ताकि लोगों को दिक्कत न हो। इसके अलावा सामान की स्कैनिंग प्रणाली, क्लॉकरूम, पेयजल और वॉशरू जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।
हालांकि कुछ लोगों को इसमें आपत्ति है
इस मामले को लेकर भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षडंगी ने पिछले दिनों एएसआई डीजी से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। यह मामला सोशल मीडिया पर ट्रेंड में है। एक ने लिखा-श्रद्धालुओं को दर्शन में दिक्कत न हो, इसके लिए 4 सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के लिए 1200 साल पुरानी विरासत का नष्ट कर दिया गया।
हालांकि हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना (heritage corridor project) को लेकर माना जा रहा है कि इससे जगन्नाथ पुरी में टूरिज्म बढ़ेगा, लाखों श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं बनेंगी।