सार
बीपीएक्स-इंदिरा डॉक पर बन रहा भारत का अपनी तरह का अनूठा और प्रतिष्ठित समुद्री क्रूज टर्मिनल- मुंबई इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल(Maritime Cruise Terminal - Mumbai International Cruise Terminal) के जुलाई 2024 तक चालू होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इस समुद्री क्रूज टर्मिनल का कुल निर्माण क्षेत्र 4.15 लाख वर्ग फुट है।
मुंबई. भारत की तरक्की में एक और नया आयाम जुड़ने जा रहा है। बीपीएक्स-इंदिरा डॉक पर बन रहा भारत का अपनी तरह के अनूठे और प्रतिष्ठित समुद्री क्रूज टर्मिनल- मुंबई इंटरनेशनल क्रूज टर्मिनल(Maritime Cruise Terminal - Mumbai International Cruise Terminal) के जुलाई 2024 तक चालू होने की उम्मीद लगाई जा रही है। इस समुद्री क्रूज टर्मिनल का कुल निर्माण क्षेत्र 4.15 लाख वर्ग फुट है।
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495 करोड़ का है ये प्रोजेक्ट
इस टर्मिनल में प्रति वर्ष 200 जहाजों और 1 मिलियन यात्रियों की आवाजाही को संभालने की क्षमता होगी। कुल परियोजना लागत 495 करोड़ रुपए में से 303 करोड़ रुपए मुंबई पोत प्राधिकरण और शेष निजी ऑपरेटरों द्वारा खर्च किए जाएंगे। मुंबई पोत प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव जलोटा ने राष्ट्र के बंदरगाह-केंद्रित विकास के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रम - सागरमाला के 7 साल पूरे होने के अवसर पर मुंबई में मीडिया को यह जानकारी दी।
एक बार में 2 क्रूज जहाज हो सकेंगे खड़े
इसे भारत में अपनी तरह का पहला प्रतिष्ठित समुद्री क्रूज टर्मिनल माना जा रहा है। इसका कुल निर्माण क्षेत्र 4.15 लाख वर्ग फुट है। इसमें 22 एलिवेटर, 10 एस्केलेटर और 300 कारों के लिए बहुमंजिला कार पार्किंग की सुविधा होगी। डॉक पर एक बार में दो क्रूज जहाजों को जगह मिलेगी। आने वाले दिनों में मुंबई पोर्ट पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रूज सेवा मुख्य गतिविधि होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुंबई पोत प्राधिकरण क्रूज पर्यटन, यात्री परिवहन, जहाज मरम्मत पर विशेष ध्यान दे रहा है। जलोटा ने कहा कि भारत को एक क्रूज गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए एक क्रूज कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य मुंबई, गोवा, कोच्चि जैसे बंदरगाहों और पूर्वी तट पर बंदरगाहों को देश के क्रूज हब के रूप में स्थापित करना है।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बढ़ावा देने की कोशिश
कान्होजी आंग्रे लाइटहाउस डेवलपमेंट के बारे में जलोटा ने बताया कि क्रूज़ पर्यटन के दायरे को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से, हम लाइटहाउस पर्यटन योजना के तहत कान्होजी आंग्रे द्वीप विकसित कर रहे हैं। परियोजना कार्य के लिए आदेश जारी कर दिया गया है और इसे मार्च 2023 तक पूरा किया जाना चाहिए। मुंबई पोर्ट ने द्वीप पर 18 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य किए हैं, जो बहुत सारे आगंतुकों को आकर्षित करता है।” द्वीप में ट्रेकिंग, सिट-आउट, देखने की गैलरी, दिलचस्प पेर्गोलस और आराम करने वाली बेंच, आउटडोर रेस्तरां, मंचन, रात भर कैंपिंग आदि की सुविधा होगी। श्री जलोटा ने कहा कि इसके वाणिज्यिक संचालन की निर्धारित तिथि मार्च, 2023 होगी।
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मैलेट बंडर बंदरगाह आम तौर पर प्रतिदिन 700 से अधिक यात्रियों और पीक दिनों में लगभग 900 यात्रियों को संभालता है। “जल्द ही यह संख्या बढ़कर 1,300 हो सकती है। सागरमाला परियोजना के तहत भीड़भाड़ को कम करने के लिए मछली पकड़ने का बंदरगाह विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इस काम को 2022 में शुरू करने की योजना बना रहे हैं और लक्ष्य इसे दो साल में पूरा करना है।