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असम में बाढ़ग्रस्त लोगों की मदद के लिए नाव लेकर निकल पड़ी ये IAS, लोगों ने कहा-ऐसे ही अफसर चाहिए
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कछार जिले की उपायुक्त IAS कीर्ति जल्ली(Keerthi Jalli, IAS) मीडिया की सुर्खियों में हैं। वे दफ्तर में बाढ़ की स्थिति को लेकर मीटिंग करने के बजाय प्रभावित एरिया में लोगों की मदद के लिए निकल पड़ी हैं। कीर्ति जल्ली असम की बेहतर प्रशासकों में गिनी जाती हैं। इन्हें पब्लिक भी काफी पसंद करती है। असम के लोग अकसर ऐसे ही अफसरों की डिमांड करते हैं।
यह तस्वीर 19 मई, 2022 को असम के नगांव में भारी बारिश के बाद बाढ़ के कारण अपनी साइकिल लेकर क्षतिग्रस्त सड़क को पार करते व्यक्ति की है। फोटो क्रेडिट-बीजू बोरो / एएफपी
ASDMA के अनुसार बजली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, कछार, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा हसाओ, गोलपारा, हैलाकांडी, होजई, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुरी जिले में बाढ़ से 7,17,500 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। ASDMA ने कहा कि अभी तक असम में 1,790 गांव जलमग्न हो गए हैं और 63,970.62 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
भारतीय मौसम विभाग(India Meteorological Department) के अनुसार, एक पूर्व पश्चिम ट्रफ रेखा उत्तर पश्चिम राजस्थान से पश्चिम असम तक दक्षिण उत्तर प्रदेश, दक्षिण बिहार और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल से होती हुई गुजर रही है। इसकी वजह से भारी बारिश हो रही है।
ASDMA के अनुसार सेना, अर्धसैनिक बलों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन, प्रशिक्षित स्वयंसेवकों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं और स्थानीय लोगों ने नावों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 7,334 लोगों को निकाला है। स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक दल भी लोगों की मदद कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम में बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का आग्रह किया है।
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