MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Other State News
  • उत्तराखंड तबाही: उस गांव की कहानी जो इस जलजले में हो गया वीरान, चट्टानें-पेड़, इंसान सब नदी में समा गए

उत्तराखंड तबाही: उस गांव की कहानी जो इस जलजले में हो गया वीरान, चट्टानें-पेड़, इंसान सब नदी में समा गए

देहरादून. उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार सुबह 10 बजे ग्लेशियर टूटने की वजह से आए जल प्रलय से जान और माल की भारी तबाही हुई है। कई लोगों को जिंदा निकल लिया गया है तो कई की तलाश में अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पिछले 24 घंटे से एनडीआरएफ, आईटीबीपी, थल सेना और वायु सेना के जवान राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। हम आपको को बताने जा रहे हैं इस तबाही की आंखों दखी जो लोगों ने इस भयानक मंजर को देखा है। कैसे  चट्टानें-पेड़ और इंसान नंदी में समां गए। (फोटो दैनिक भास्कर)

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Feb 08 2021, 08:53 AM IST| Updated : Feb 08 2021, 09:00 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
16

इस भयानक हादसे के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए चमोली जिले में रैणी गांव के लोगों ने बताया कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस दौरान हम लोग नाशता करके काम पर जाने वाले थे। कोई खेत पर जाने वाला था तो कोई सामान खरीदने जोशीमठ के लिए जा रहा था। शुरुआत में अचानक तेज धमाका हुआ जिसकी आवाज सुनकर हम लोग डर गए। फिर नदी में जलजला देखकर सबके होश उड़ गए। इतना भयानक मंजर कि बड़ी-बड़ी  चट्टानें, पेड़ और इंसान  ऋषि गंगा और धौली गंगा नदियों में समा गए। जिस वक्त सैलाब आया उस दौरान सैंकड़ों मजदूर बांध पर काम कर रहे थे, देखते ही देखते वह भी नदी में बह गए। गांव की प्रधान शोभा राणा बताया कि कई लोग अभी भी सदमे में है, वह अपनों के लौटने के इंतजार में हाइवे और नदी किनारे बैठे हुए हैं।
 

26


रैणी गांव के भगवान सिह ने बताया कि मिनटों में ही इस तबाही ने सब खत्म कर दिया। सूखे पत्ते की तरह हमारे गांव के कुछ लोग नदियों में समा गए। जब तक हम लोगों ने चीखना शुरू किया तब तक वह सैलाब में बह चुके थे। इतना ही नहीं नदी किनारे जो मंदिर बने हुए थे वह भी तबाही में बह गए।

36


गांव के लोगों ने बताया कि इस तबाही में हमारा सब कुछ खत्म हो गया। जिस ऋषि गंगा पॉवर प्रोजेक्ट पर हम लोग दिन रात मजदूरी करके पेट भरते थे वह भी पलक झलकते ही मलबे में दब गया। उसमें काम करने वाले हमारे साथियों का अभी तक कुछ पता नहीं है। जिंदा हैं या मर गए। इतना ही नहीं रैणी गांव का मुख्य पुल जो कि  मलारी बॉर्डर हाईवे पर बना हुआ था वह भी सैलाब में वह गया। करोड़ों की कीमत की मशीनों भी कचरे की तरह मलबे में दब गईं।

46

टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है।अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद कर लिए गए हैं।
 

56

यह तस्वीर तपोवन की टनल की है, जहां  फंसे 30 लोगों को निकालने के लिए आईबीटी के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। अब तक यहां से 14 शव बरामद किए जा चुके हैं। बता दें कि  NTPC प्रोजेक्ट साइट पर दो टनल हैं, पहली टनल में फंसे 16 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। जबकि दूसरी टनल में 30 मजूदर और फंसे हैं। इस हादसे में 170 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। 

66

वहीं चमोली में तपोवन बांध के पास सुरंग में फंसे लोगों के लिए बचाव अभियान शुरू करने के लिए एसडीआरएफ के सदस्य मंदाकिनी नदी का स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved